'मैं चिल्लाया-दौड़ा, मगर गुलदार बेटे को जबड़े में जकड़ जंगल ले गया', एक पिता के सामने कैसे काल के गाल में समाया मासूम? दर्दनाक आपबीती
Leopard Attack in Haldwani नैनीताल रोड पर रेलवे पटरी से नीचे झुग्गी में रहने वाले परिवार के सात साल के मासूम को पिता के सामने ही गुलदार झपट्टा मारकर जंगल में खींच ले गया। बुधवार देर रात को शिवा ने कहा कि पापा मुझे पेशाब कराने बाहर ले चलो। पिता के सामने ही गुलदार शिवा को जंगल में खींचकर ले गया।
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HighLights
- शिवा को गुलदार से बचाने के लिए पिता प्रीतम ने हरसंभव कोशिश की
- गिरने पर चोट भी लगी, लेकिन घुप अंधेरा होने से गुलदार-शिवा ओझल हो गए
- बुधवार रात गुलदार ने बनाया एक बच्चे काे अपना शिकार
- काठगोदाम-हल्द्वानी के बीच में गुलदार ने मासूम को मार डाला
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Leopard Attack in Haldwani: 15 साल से हल्द्वानी में मजदूरी कर परिवार पाल रहा हूं। बरसात शुरू होने की वजह से झोपड़ी में पानी आने का डर था। ऐसे में बच्चों और पत्नी के लिए रात काटनी मुश्किल हो जाती। इसलिए बुधवार दोपहर बाजार से काली पन्नी लाकर झोपड़ी में लपेट दी। देर रात को शिवा ने कहा कि पापा मुझे पेशाब कराने बाहर ले चलो।
झोपड़ी के बाहर वह पेंट की चेन बंद करने लगा, लेकिन तभी गुलदार ने अपने जबड़े में उसकी गर्दन जकड़ ली। मैं चिल्लाते हुए गुलदार के पीछे दौड़ा, मगर घुप अंधेरा होने की वजह से थोड़ी दूरी पर गिर गया। उठकर देखा तो गुलदार और शिवा दोनों गायब थे। उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले प्रीतम के पास न स्थायी काम है और न पक्का ठिकाना।
मजदूरी मिलने पर शहर में अलग-अलग जगहों पर काम कर किसी तरह परिवार का पेट पल रहा था। निर्मला स्कूल के सामने सड़क पार रेलवे की पटरी है, जिसकी ओट में थोड़ी सी समतल जमीन पर बनी झोपड़ी ही एकमात्र आशियाना है। दो बेटियों और एक बेटे में शिवा दूसरे नंबर की संतान थी, मगर सात साल उम्र होने के बाद भी बेटे के स्कूल में दाखिले का सपना अधूरा ही था।
आधार कार्ड या कोई अन्य दस्तावेज न होने से दिक्कत आ रही थी। वहीं, मोर्चरी में बदहवास स्थिति में खड़े प्रीतम ने बताया कि जानवर या कुत्तों के डर से वह बेटे को खुद बाहर लेकर आया था, लेकिन पहले से घात लगाए बैठे गुलदार ने पल भर में हमला कर दिया। इसके बाद शिवा की गर्दन जकड़कर ओझल हो गया। दूसरी तरफ मासूम को बचाने के लिए गुलदार के पीछे दौड़ लगाने के दौरान नीचे गिरने से प्रीतम के पैर में चोट लग गई।
जहां शव मिला, वहां दो बार पहुंचे थे पड़ोसी
नदी पार जंगल में जिस जगह पर शिवा के शरीर का आधा हिस्सा मिला। रात में उस तरफ को दो बार पीड़ित के पड़ोसी व अन्य लोग तलाश करते हुए पहुंचे थे, लेकिन घना जंगल और अंधेरा होने की वजह से कुछ नजर नहीं आया।
रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं, विधायक ने दी सोलर लाईट
आरक्षित वन क्षेत्र होने से झुग्गियों में बिजली व्यवस्था नहीं थी। सोलर लाइट का भी कोई प्रबंध नहीं था। वहीं, घटना की जानकारी मिलने पर विधायक सुमित हृदयेश पीड़ित परिवार को ढांढस बंधवाने पहुंचे थे, जिसके बाद विधायक ने यहां सोलर लाइट लगवाई, ताकि रात में रोशनी हो सके।
ट्रैप कैमरे फिट, तीन टीमें गश्त में जुटी
रेंजर छकाता प्रदीप पंत ने बताया कि छह ट्रैप कैमरे फिट हो चुके हैं। इससे गुलदार के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा गश्त के लिए तीन टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, बताया जा रहा है कि क्षेत्र में कई कुत्ते पूर्व में गायब हो चुके हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बुधवार रात भोजन की तलाश में आए गुलदार ने बच्चे पर हमला किया है।
बरसात से निशान और खून के धब्बे मिटे
बुधवार देर रात गुलदार ने हमला किया। इसके बाद बरसात हो गई, जिस वजह से गुलदार के पंजों के निशान से लेकर खून के धब्बे तक मिट गए। इस वजह से भी शव को तलाशने में दिक्कत आई।