उत्‍तराखंड में आज बरसेंगे थंडर स्टार्म के मेघ, गर्मी से मिलेगी राहत....मौसम विभाग ने जारी किया Pre Monsoon वर्षा का पूर्वानुमान

Uttarakhand Weather बुधवार को थंडर स्टार्म के साथ पानी बरसेगा। इसके कुछ दिन बाद प्री मानसूनी वर्षा शुरू होने से तापमान सामान्य होने लगेगा। तेज हवाएं चलेंगी और राज्य के अधिकांश हिस्सों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा होगी। इससे लोगों को तेज गर्मी से निजात मिलेगी। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को नैनीताल का अधिकतम तापमान 33 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Publish:Wed, 19 Jun 2024 11:21 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2024 02:07 PM (IST)
उत्‍तराखंड में आज बरसेंगे थंडर स्टार्म के मेघ, गर्मी से मिलेगी राहत....मौसम विभाग ने जारी किया Pre Monsoon वर्षा का पूर्वानुमान
Uttarakhand Weather: बुधवार को गर्मी से राहत की उम्मीद

जासं, नैनीताल : Uttarakhand Weather: मौसम विभाग ने बुधवार को गर्मी से राहत की उम्मीद जताई है। मौसम विभाग निदेशक डा. बिक्रम सिंह ने मुताबिक बुधवार को थंडर स्टार्म के साथ पानी बरसेगा। इसके साथ तेज हवाएं चलेंगी और राज्य के अधिकांश हिस्सों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा होगी। इससे लोगों को तेज गर्मी से निजात मिलेगी।

इसके कुछ दिन बाद प्री मानसूनी वर्षा शुरू होने से तापमान सामान्य होने लगेगा। इस बार नैनीताल व मुक्तेश्वर सरीखे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान जून माह में सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया था। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार की संभावित वर्षा से तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस गिरावट आएगी। इधर मंगलवार को सरोवर नगरी में शाम को ठंडी तेज हवाओं ने लोगों को गर्मी से राहत दी।

अलबत्ता दोपहर में नगर का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यहां दिनभर हल्के बादल आसमान में डेरा डाले रहे। इसके चलते वर्षा की संभावना बनी रही, लेकिन मौसम आखिरकार दगा दे गया। इधर सांझ ढलने के बाद तेज ठंडी हवाएं राहत दे गईं। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को नैनीताल का अधिकतम तापमान 33 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा।

बादलों से राहत में देरी होने पर फायर सीजन के दिन बढ़े आगे

जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए सरकार और वन विभाग को बीच फायर सीजन में नहीं बल्कि उससे पहले अलर्ट हो जाना चाहिए था। वनाग्नि के इस साल के आंकड़ों ने इस बात को साबित कर दिया है। अब सारी उम्मीद बरसात पर ही टिकी है। मगर इस बार बादलों से भी राहत मिलने पर देरी हो रही है। ऐसे में 15 जून यानी फायर सीजन का असल समय निपटने के बाद भी जंगल धधक रहे हैं।

16 से 18 जून के बीच ही 51.4 हेक्टेयर जंगल राज्य में जल चुका है। उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं हर साल बढ़ रही है। पिछले फायर सीजन के मुकाबले दोगुने से ज्यादा जंगल अब तक जल चुका है। कुमाऊं में इस सीजन में नौ लोगों की आग की चपेट में आकर मौत भी हो गई।

बिनसर की घटना ने सिस्टम की हकीकत बता दी। यहां चार लोग आग बुझाने के दौरान जिंदा जल गए थे। जबकि चार गंभीर घायलों का दिल्ली के एम्स में उपचार चल रहा है। वहीं, पिछले कुछ सालों में सर्दियों के समय भी आग की घटनाएं सामने आने पर विभाग अब नवंबर से ही निगरानी शुरू कर देता है।

हालांकि, 15 फरवरी से 15 जून का समय असल फायर सीजन माना जाता है। 15 जून की दोपहर चार बजे तक जहां राज्य में कुल 1242 घटनाओं में 1696.32 हेक्टेयर जंगल राख हुआ था। वहीं, इसके बाद अगले तीन दिन में कुल आंकड़ा 1747.72 हेक्टेयर पहुंच गया। दूसरी तरफ मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिन पर्वतीय क्षेत्र में बरसात की संभावना है। यानी सारी उम्मीद बादलों से ही है।

पिछले 24 घंटे में 27 हेक्टेयर जंगल राख

जंगलों की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को जारी हुए पिछले 24 घंटे के आंकड़ों में 27.3 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया। इसमें कुमाऊं क्षेत्र 12 हेक्टेयर जंगल में नुकसान हुआ। तराई केंद्रीय, मसूरी डिवीजन, भूमि संरक्षण कालसी, लैंसडोन डिवीजन, रुद्रप्रयाग प्रभाग व कार्बेट टाइगर से जुड़े जंगल इसमें शामिल है।

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