Avalanche Near Kedarnath Dham: केदारनाथ मंदिर के पीछे अचानक आई तेज आवाज, बाहर निकल कर देखा तो लोगों के उड़ गए होश

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ मंदिर के पीछे रविवार को हिमखंड टूटे जिसकी आवाज सुनकर लोगों के होश उड़ गए। हालांकि हिमखंड टूटने से किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से यात्रियों को सतर्क कर दिया है। बताया गया कि हिमालयी क्षेत्र में अक्सर हिमखंड के टूटने की घटनाएं होती रहती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Publish:Sun, 30 Jun 2024 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 06:42 PM (IST)
Avalanche Near Kedarnath Dham: केदारनाथ मंदिर के पीछे अचानक आई तेज आवाज, बाहर निकल कर देखा तो लोगों के उड़ गए होश
केदारनाथ के पीछे स्थित चौराबाड़ी ताल में आया एवलांच। फोटो- जागरण

HighLights

  • केदारनाथ में एक बार फिर टूटा हिमखंड
  • हिमालयी क्षेत्र में अक्सर टूटते रहते हैं हिमखंड

संवाद सहयोग, रुद्रप्रयाग। Avalanche Near Kedarnath Dham - रविवार को केदारनाथ मंदिर के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर के ऊपरी क्षेत्र में एवलांच आने से बड़ी मात्रा में हिमखंड टूटकर नीचे गिर गए। हिमखंड के टूटने से काफी तेज आवाज आई और केदारपुरी में सभी लोगों में दहशत फैल गई। हालांकि, घटना से कोई नुकसान की सूचना नहीं है। हिमालयी क्षेत्र में अक्सर इस तरह के हिमखंड टूट कर नीचे गिरते रहते हैं।

जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, रविवार को सुबह 5 बजकर 6 मिनट पर केदारनाथ के चौराबाडी के ऊपरी क्षेत्र से एवलांच आने से बड़ी मात्रा में हिमखंड टूटकर नीचे गिर गए, जिससे बर्फ के गुब्बारे व सफेद धुआं दिखाई दिया।

घरों से बाहर आ गए लोग

केदारनाथ के स्थानीय लोगों व यात्रियों ने तेज आवाज आने से अपने घरों से बाहर आ गए, तथा इस दृश्य को अपनी आँखों से देखा। इस वर्ष अब तक तीसरी बार हिमखंड टूटने की घटना हो चुकी है। 

उच्च हिमालय क्षेत्र में अक्सर हिमस्खलन की घटनाएं होती है। केदारनाथ धाम में इस वर्ष मई में भी एवलांच आया था, जबकि बीते वर्ष सितंबर और अक्टूबर में भी एवलांच की तीन घटनाएं हुई थी।

चौराबाड़ी ताल की तरफ घूमने न जाएं

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सुबह 5 बजकर 6 मिनट पर आए एवलांच से केदारनाथ में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है, किंतु केदारनाथ से ऊपरी क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतर्क किया गया है कि वे अनावश्यक चौराबाड़ी ताल की तरफ घूमने न जाएं। 

चौराबाड़ी ताल के ऊपरी क्षेत्र से निरंतर एवलांच आने की घटनाएं होती रहती है। वर्ष 2022 से अब तक यहां करीब एक दर्जन से अधिक बार एवलांच आने की घटनाएं हुई है, हालांकि, किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

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