Lok Sabha Election: अंतिम चरण से पहले सीएम ममता ने CAA, NRC और UCC पर चला दांव; INDI गठबंधन के लिए रखीं ये तीन शर्त

जादवपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने कहा कि उनके समर्थन से केंद्र में आईएनडीआईए सरकार बनने पर शर्त होगी कि संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) और समान नागरिक संहिता(यूसीसी) को रद करना होगा। वहीं उन्होंने यह भी बताना नहीं भूला कि उन्होंने ओबीसी श्रेणी में आरक्षण को 17 प्रतिशत बढ़ाकर 97 प्रतिशत मुस्लिमों को इसके दायरे में ला दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta Publish:Mon, 27 May 2024 07:02 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2024 07:02 PM (IST)
Lok Sabha Election: अंतिम चरण से पहले सीएम ममता ने CAA, NRC और UCC पर चला दांव; INDI गठबंधन के लिए रखीं ये तीन शर्त
ममता की अब आईएनडीआईए को तीन शर्तें। फाइल फोटो।

HighLights

  • ममता की अब आईएनडीआईए को तीन शर्तें
  • पहले बाहर से समर्थन की चाल, फिर शामिल होने की हामी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी बड़े ही सुनियोजित तरीके से लोकसभा चुनाव के हर चरण से पहले नए-नए दांव-पेंच खेल रही हैं। पांचवें चरण से पहले ममता ने हुगली में कहा था कि अगर केंद्र में आईएनडीआईए की सरकार बनती है तो वह उन्हें बाहर से समर्थन करेंगी। इस पर जब विवाद बढ़ा तो इसके 24 घंटे के भीतर ही यूटर्न लेते हुए कहा कि वह आईएनडीआईए का हिस्सा हैं और आगे भी रहेंगी।

ममता का आईएनडीआईए को तीन शर्त

उनके बयानों का गलत अर्थ निकाला गया। अब जब छह चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं तो सातवें चरण से पहले आईएनडीआईए के समक्ष तीन शर्तें रख दी हैं। उन्होंने जादवपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके समर्थन से केंद्र में आईएनडीआईए सरकार बनने पर शर्त होगी कि संशोधित नागरिकता कानून(सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) और समान नागरिक संहिता(यूसीसी) को रद करना होगा।

ओबीसी प्रमाणपत्र पर सीएम ने क्या कहा?

वैसे तो वह शुरू से ही इन तीनों ही कानून का विरोध करती आ रही हैं। परंतु, अभी सीएए कानून बन कर लागू हुआ है लेकिन एनआरसी और यूसीसी को लेकर कोई कानून नहीं बना है। वह बहुत ही सुनियोजित तरीके से इस मुद्दे को उठाया है ताकि अंतिम चरण में मुस्लिम वोटों का बंटवारा न हो। वह जिस तरह से रविवार को जादवपुर की चुनावी सभा में यह शर्तों की बातें कहते हुए यह कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने जो ओबीसी प्रमाणपत्र रद करने का आदेश दिया है उसे वह नहीं मान रही हैं और सुप्रीम कोर्ट जा रही हैं।

एक जून को इन सीटों पर होना है मतदान

वहीं उन्होंने यह भी बताना नहीं भूला कि उन्होंने ओबीसी श्रेणी में आरक्षण को 17 प्रतिशत बढ़ाकर 97 प्रतिशत मुस्लिमों को इसके दायरे में ला दिया है। बताते चलें कि दक्षिण 24 परगना की चार, कोलकाता की दो और उत्तर 24 परगना कि तीन सीटों पर एक जून को मतदान होना है। इन सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या काफी है। शायद इसीलिए वह यह सीएए, एनआरसी और यूसीसी को लेकर शर्त रखी हैं।

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