West Bengal: बिना मुकदमे के 41 साल जेल में बंद शख्स को हाई कोर्ट ने पांच लाख रुपये मुआवजा देने को कहा

West Bengal हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से एक नेपाली नागरिक को बिना मुकदमे के 41 साल तक सलाखों के पीछे रखने के लिए मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये देने को कहा। मानवाधिकार संगठन की पहल से ये मामला सामने आने के बाद न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 12 Dec 2021 05:11 PM (IST) Updated:Sun, 12 Dec 2021 05:11 PM (IST)
West Bengal: बिना मुकदमे के 41 साल जेल में बंद शख्स को हाई कोर्ट ने पांच लाख रुपये मुआवजा देने को कहा
बिना मुकदमे के 41 साल जेल में बंद शख्स को कोर्ट ने पांच लाख मुआवजा देने को कहा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में राज्य सरकार से एक नेपाली नागरिक को बिना मुकदमे के 41 साल तक सलाखों के पीछे रखने के लिए मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये देने को कहा है। एक मानवाधिकार संगठन की पहल से ये मामला सामने आने के बाद कोलकाता उच्च न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप किया और इस साल न्यायालय ने मार्च में व्यक्ति को रिहा कर दिया। दुर्गा प्रसाद तिम्सीना उर्फ दीपक जैशी नाम का शख्स दार्जिलिंग जिले में कथित तौर पर एक हत्या के मामले में बंगाल की विभिन्न जिलों में 41 साल तक कैद था। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने गत दिनों प्रतिवादी/राज्य को छह सप्ताह की अवधि के दौरान कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए दीपक जैशी के खाते में पांच लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। राज्य के वकील ने इस तथ्य पर वाद-विवाद नहीं किया और उन्होंने प्रस्तुत किया कि राशि नेपाल के वाणिज्य दूतावास के माध्यम से दीपक जैशी के खाते में जमा की जा सकती है, जो वर्तमान में अपने परिवार के सदस्यों के साथ नेपाल में हैं। 

गौरतलब है कि शादी का झांसा देकर संभोग किए जाने के मामले में दुष्कर्म के दोषी के 10 वर्ष के कारादंड के फैसले को कलकत्ता हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर की निचली अदालत ने आरोपित को दुष्कर्म के लिए दोषी ठहराया था। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि दोनों की रजामंदी से संभोग हुआ। दोनों शादी के लिए राजी भी हो गए, लेकिन युवती के गर्भवती होने के बाद घरवालों ने शादी का विरोध किया। इसलिए आरोपित अपना वादा नहीं निभा सका। इसका मतलब यह नहीं है कि वह व्यक्तिगत रूप से शादी नहीं करना चाहता था। बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर के रहने वाले सद्दाम हुसैन ने शादी का झांसा देकर एक युवती से शारीरिक संबंध बना लिए थे।

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