हिंसा पीड़ितों के साथ राजभवन के सामने धरना देना चाहती है भाजपा, ममता सरकार ने HC से कहा- हमें नहीं है कोई आपत्ति

West Bengal Politics भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों के साथ राजभवन के पास धरना देना चाहते हैं। वहीं राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि भाजपा के राजभवन के सामने धरना देने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta Publish:Thu, 27 Jun 2024 07:09 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jun 2024 07:09 PM (IST)
हिंसा पीड़ितों के साथ राजभवन के सामने धरना देना चाहती है भाजपा, ममता सरकार ने HC से कहा- हमें नहीं है कोई आपत्ति
भाजपा के राजभवन के सामने धरना देने पर आपत्ति नहीं- राज्य सरकार। फाइल फोटो।

HighLights

  • महाधिवक्ता ने कहा-भाजपा आगामी रविवार को वहां चार घंटे दे सकती है धरना
  • भाजपा ने पूर्व निर्धारित कार्यसूची बताकर उस दिन धरना देने में जताई असमर्थता
  • न्यायाधीश ने नाराजगी जताकर कहा-बार-बार मामले पर सुनवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सकती

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि भाजपा के राजभवन के सामने धरना देने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने न्यायाधीश अमृता सिन्हा की अदालत को बताया कि भाजपा की ओर से राजभवन के सामने धरने के लिए जो आवेदन किया गया है, उसपर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। आगामी रविवार को वहां चार घंटा धरना दिया जा सकता है।

 हिंसा पीड़ितों के साथ धरना देना चाहते हैं सुवेंदु

मालूम हो कि भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों के साथ राजभवन के पास धरना देना चाहते हैं। इस बात उन्होंने कोलकाता पुलिस के साथ आवेदन किया था। पुलिस ने राजभवन के सामने धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। सुवेंदु ने इसके बाद हाई कोर्ट का रुख किया था।

अधिकारी ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा

उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि पिछले साल पांच से 10 अक्टूबर तक तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी धारा 144 का उल्लंघन कर केंद्र के खिलाफ राजभवन के सामने धरने पर बैठे थे। पुलिस ने सत्ताधारी दल को इसकी अनुमति दे दी थी, लेकिन उन्हें नहीं मिली।

न्यायाधीश सिन्हा ने किया था सवाल

न्यायाधीश सिन्हा ने पिछली सुनवाई में महाधिवक्ता से सवाल किया था कि जब राजभवन के सामने तृणमूल का धरना हुआ था तो पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की थी? इसके साथ ही उन्हें वादी पक्ष को राजभवन के बदले वैकल्पिक जगह का नाम बताने को कहा था। इसपर सुवेंदु के अधिवक्ता की ओर से राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय के सामने धरने की अनुमति मांगी थी, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे डीजीपी के राज्य सचिवालय स्थित कार्यालय के सामने धरना देना चाहते हैं अथवा भवानी भवन स्थित कार्यालय के सामने।

राज्य सरकार को नहीं है कोई आपत्ति

गुरुवार को हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने कह दिया कि राज्य सरकार को भाजपा के राजभवन के सामने धरना देने पर कोई आपत्ति नहीं है। वह आगामी रविवार को वहां ऐसा कर सकती है। इस पर सुवेंदु के अधिवक्ता ने कहा कि आगामी रविवार को यह संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि भाजपा का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है। उसके बाद वाले रविवार को धरना दिया जा सकता है।

इसपर महाधिवक्ता ने कहा कि परिवर्तित तिथि के लिए उन्हें फिर से राज्य सरकार से बात करनी होगी। इसपर न्यायाधीश सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह बार-बार मामले पर सुनवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। इससे कई मामलों पर सुनवाई प्रभावित हो रही है।

यह भी पढ़ेंः

NEET Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट ने NTA को जारी किया नोटिस, OMR शीट को लेकर मांगा जवाब

आपातकाल की चर्चा पर भड़की कांग्रेस, बिरला से मिले राहुल गांधी; वेणुगोपाल ने चिट्ठी में जताई आपत्ति

chat bot
आपका साथी