सऊदी अरब से पाकिस्तान के राजदूत को वापस बुला रहे पीएम शहबाज, रिकॉल की प्रक्रिया शुरू : रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार रिकॉल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। बता दें कि सऊदी अरब से पाकिस्‍तानी राजदूत को ऐसे समय पर हटाया जा रहा है जब खाड़ी देश ने बिना ब्‍जाज के कर्ज देने से इंकार कर दिया है।

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Updated: Thu, 23 Mar 2023 06:55 PM (IST)
सऊदी अरब से पाकिस्तान के राजदूत को वापस बुला रहे पीएम शहबाज, रिकॉल की प्रक्रिया शुरू : रिपोर्ट
रिकॉल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सऊदी अरब में देश के राजदूत अमीर खुर्रम राठौर को वापस बुलाने पर विचार कर रहे हैं। द न्यूज इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट में इस बात की जानकरी दी गई है। बताया जा रहा है कि पीएम शहबाज शरीफ अमीर खुर्रम से खफा हैं। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने सऊदी अरब में पाकिस्‍तानी राजदूत अमीर खुर्रम को तैनात किया था।

रिकॉल की प्रक्रिया शुरू

रिपोर्ट के अनुसार, रिकॉल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। बता दें कि सऊदी अरब से पाकिस्‍तानी राजदूत को ऐसे समय पर हटाया जा रहा है जब खाड़ी देश ने बिना ब्‍जाज के कर्ज देने से इंकार कर दिया है। राठौड़ इससे पहले कनाडा में पाकिस्तान के उच्चायोग के पद पर तैनात थे।

आमिर खुर्रम राठौर को शुरू से तय था हटाना

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि आमिर खुर्रम राठौर को हटाना तब से तय था, जब उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ माना जाता था। आपको बता दें कि समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पीएम कार्यालय में एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि राठौर को "इमरान खान के वफादार के रूप में जाने जाते हैं।'

रिपोर्ट के अनुसार, राठौर को मुख्य रूप से पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का करीबी माना जाता था और उन्होंने कुछ साल पहले सरकारी नौकरी से छुट्टी लेकर एक साल तक पीटीआई कार्यालय में काम किया था। आपको मालूम हो कि 2012 से 2013 तक, राठौर ने लाहौर में पीटीआई द्वारा स्थापित एक थिंक टैंक में काम किया। द

न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार अमीर खुर्रम राठौर के बारे में सतर्क हो गई थी, जब इमरान खान ने फरवरी में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा था कि वह सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के संपर्क में थे। हालांकि, खान का दावा कितना सही था और क्या राठौर ने सऊदी शासक के साथ अपने संपर्क को बहाल करने में कोई भूमिका निभाई थी, यह असत्यापित है।