ब्रिटेन की महारानी की हत्या का प्रयास करने वाले को ठहराया गया दोषी, जलियावाला हत्याकांड का लेना चाहता था बदला

इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ II को मारने की कोशिश करने वाले भारतीय मूल के सिख जसवंत सिंह चैल को राजद्रोह का दोषी करारा दिया गया है। वह 1919 में हुए जलियावाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेने के लिए एलेजीबेथ की हत्या करना चाहता था। (फाइल फोटो)

By Preeti GuptaEdited By:
Updated: Sat, 04 Feb 2023 09:11 AM (IST)
ब्रिटेन की महारानी की हत्या का प्रयास करने वाले को ठहराया गया दोषी, जलियावाला हत्याकांड का लेना चाहता था बदला
महारानी एलिजाबेथ II को मारने की कोशिश करने वाले जसवंत सिंह चैल को राजद्रोह का दोषी करारा दिया गया है।

लंदन, एएनआई। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ II को मारने की कोशिश करने वाले भारतीय मूल के सिख को राजद्रोह का दोषी करारा दिया गया है। ब्रिटिश सिख साल 2021 में क्रिसमस के पावन त्यौहार पर महारानी एलिजाबेथ II की हत्या करना चाहता था। सिख समुदाय के 21 वर्षीय जसवंत सिंह चैल ने राजद्रोह करने का आरोप कबूल कर लिया है।

क्रॉसबो हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया चैल

न्यूयॉर्क की रिपोर्ट के मुताबिक जसवंत सिंह को क्रॉसबो (Crossbow) हथियार के साथ विंडसर कैसल के मैदान से गिरफ्तार किया गया था। साल 2021 में महारानी की हत्या करने का इरादे रखना वाले जसवंत सिंह उस समय 19 साल के थे। चैल की गिरफ्तारी के बाद उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में चैल ने अपनी भारतीय मूल के सिख के रूप में पहचान को स्वीकार किया है।

जलियावाला बाग हत्याकांड का बदला लेना चाहता था जसवंत

सिख समुदाय के जसवंत सिंह चैल ने साल 2021 में सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो शेयर किया था। वह 1919 में हुए जलियावाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेना चाहता था। चैल ने अपनी वीडियो में स्पष्ट किया था कि वह 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मारना चाहता है। जसवंत ने लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट में यूनाइटेड किंगडम के देशद्रोह अधिनियम के तहत अपना अपराध स्वीकार किया है।

Indian-origin man, who threatened to kill Queen Elizabeth, admits to treason

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— ANI Digital (@ani_digital) February 4, 2023

31 मार्च को सुनाई जाएगी चैल को सजा

इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 19 सितंबर 2022 को निधन हुआ था। न्यूयॉर्क की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट में चैल ने ब्रिटेन के देशद्रोह अधिनियम के तहत अपराध को स्वीकार किया। ब्रिटिश सिख चैल को ब्रॉडमूर अस्पताल में था वहीं से उसे वीडियो लिंक के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था। देशद्रोह के आरोप में इंग्लैंड की अदालत 31 मार्च को जसवंत सिंह चैल को सजा सुनाएगी। बता दें कि ब्रिटेन में राजद्रोह के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।

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1981 में पहली बार मार्कस सार्जेंट को राजद्रोह का दोषी ठहराया था

इंग्लैंड में 1981 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी व्यक्ति को राजद्रोह का आरोपी करार दिया गया है। चैल ने स्वंय ही स्वीकार किया था कि वह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मारने के लिए आया था। ब्रिटेन के 1842 देशद्रोह अधिनियम के तहत 1981 में मार्कस सार्जेंट राजद्रोह का दोषी ठहराया गया था। मार्कस सार्जेंट ने लंदन में एक परेड के दौरान द मॉल की सवारी करते समय रानी पर खाली शॉट दागे थे।

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