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लापरवाही के आरोपों पर CM शिवराज सिंह का ऑन द स्पॉट फैसला, पंचायत CEO को मंच से ही किया सस्पेंड

Shivraj Singh Chouhan सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम के दौरान मंच से ही सेंधवा जनपद सीईओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और वहां मौजूद सभी अधिकारियों को घोषणा करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Sat, 03 Dec 2022 09:39 AM (IST)
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मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान का का ऑन द स्पॉट फैसला

बड़वानी, आनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में आयोजित पेसा एक्ट जागरूकता कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने सख्त रुख में नजर आए। इस दौरान पीएम आवास में लापरवाही बरतने पर सीएम चौहान ने मंच से ही सेंधवा जनपद पंचायत के सीईओ राजेन्द्र दीक्षित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कार्यक्रम के दौरान सीईओ दीक्षित की पीएम आवास को लेकर शिकायतें सामने आई थीं। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कार्रवाई की है। 

मुझे पता चला है कि सेंधवा जनपद पंचायत के सीईओ लापरवाह हैं। मैं जनपद पंचायत सेंधवा के सीईओ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करता हूं: CM pic.twitter.com/SctInuBrVO— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 1, 2022

सीएम ने निलंबित करने की घोषणा करते हुए कहा कि लापरवाही पर किसी को भी छोड़ूंगा नहीं, चाहे वह अधिकारी हो या कोई भी। आप मुख्यमंत्री कार्यालय को सीधे शिकायत कर सकते हैं।

सीएमएचओ सहित 4 अफसरों पर गिजी गाज

मुख्यमंत्री ने सभा में कहा कि लोकतंत्र में असली मालिक जनता होती है, सरकार नहीं। मध्य प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता ही मध्य प्रदेश की मालिक है। भ्रष्टाचारियों के प्रति रौद्र रूप दिखाते हुए शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर नहीं रहने दूंगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बैतूल जिले के कुछ अफसरों की शिकायत मेरे पास आई है। बैतूल के खनन अधिकारी, जिला अस्पताल के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी, बिजली विभाग चिचली के जूनियर इंजीनियर और साईंखेड़ा के जूनियर इंजीनियर को मैं तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर रहा हूं।

— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 1, 2022

आदिवासी समुदाय के लोगों को पेसा एक्ट के प्रति किया जागरूक

सीएम शिवराज ने कहा कि इस एक्ट के लागू होने के बाद हमारे जो भी जनजातीय भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, वह पेसा एक्ट से मजबूत होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जंगल और जमीन पर सबका अधिकार होना चाहिए। पेसा एक्ट के नियमों के अनुसार, अब पटवारी और वन विभाग के बीट गार्ड को गांव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी-1 नकल ग्राम सभा में दिखाना होगा, ताकि जमीन के रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न हो सके।