MP Sendhwa Viral News: जिसका कर चुके थे क्रिया कर्म, 17 साल बाद वो बेटा वापस लौट आया घर
ग्राम धनोरा के नवाड़ फलिया का युवक प्रेमसिंह पुत्र लच्छिया मानसिक परेशानी के चलते 17 साल पूर्व साल 2006 में दीपावली की धनतेरस पर बगैर बताए घर से कहीं चला गया था। स्वजनों ने उसे खोजने की काफी कोशिश की लेकिन वो नहीं मिला। वहीं गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई।
बड़वानी, जेएनएन। अगर आपको कोई कहे कि जिस व्यक्ति का क्रिया क्रम हो चुका है वो जिंदा लौट आया, तो शायद आपको कभी इस बात का एतबार न हो। हालांकि, एक ऐसी ही घटना बड़वानी जिले के सेंधवा विकासखंड के ग्राम धनोरा के नवाड फलिया में सोमवार को घटी।
तकरीबन 17 साल का युवक, जिसे उसके मां-बाप मृत मान चुके थे वो अचानक अपने मां बाप से मिलने पहुंच गया। इस घटना को सुनकर गांव के सरपंच, पंच व अन्य लोग भी आश्चर्य में पढ़ गए। हालांकि, लोगों को खुशी भी हुई युवक अपने मां-बाप के पास वापस लौट आया।
बेटे के गुम होने के दुख में मां का हुआ था निधन
दरअसल ग्राम धनोरा के नवाड़ फलिया का युवक प्रेमसिंह पुत्र लच्छिया मानसिक परेशानी के चलते 17 साल पूर्व साल 2006 में दीपावली की धनतेरस पर बगैर बताए घर से कहीं चला गया था। स्वजनों ने उसे खोजने की काफी कोशिश की लेकिन वो नहीं मिला।
वहीं गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई। साल 2014 में प्रेमसिंह के गुम होने के दुख में उसकी मां का निधन हो गया था। इस दौरान स्वजनों ने भी प्रेमसिंह को मृत मानकर उसकी मां के साथ ही उसका भी अंतिम क्रियाकर्म कर दिया।
मुंबई के एनजीओ ने किया इलाज
जानकारी के मुताबिक, मानसिक रूप से बीमार युवक प्रेमसिंह मुंबई पहुंच गया। कुछ दिनों तक प्रेमसिंह मुंबई में ही रहा। वहां पर एक एनजीओ ने उसका इलाज कराया और उसके घर का पता लगाकर उसे नवाड़ फलिया में उसके घर पर छोड़ने आए। उसके भाई दिलीप ने बताया कि गत 24 फरवरी को मुंबई से एक फोन आया। उधर से एक व्यक्ति ने कहा कि आपका भाई प्रेमसिंह जिंदा है और उसे लेकर हम आ रहे हैं। यह खबर जैसे ही प्रेमसिंह तक पहुंची, उनके खुशी का ठिकाना न रहा।
एनजीओ के लोग धनोरा बस स्टैंड पर प्रेमसिंह को लेकर पहुंचे। उसके हाथ पर लिखे उसके नाम व हनुमानजी के टैटू को देखकर उसे पहचाना गया। उसके पिता लच्छिया के मुताबिक, साल 2001 से मानसिक रूप से बीमार था। उसकी चिंता पूरे परिवार को रहती थी। अब जब वह स्वस्थ्य हो गया है तो सभी को उसके लौटने की खुशी हुई।