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MP News: वृंदावन में एमपी सरकार के 11 मंदिर बेहाल, हड़पने की नीयत से तीन मंदिरों का नामांतरण

वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर-परिसर हैं। इनमें रतलाम कुंज सावंत बिहारी कांच मंदिर श्रवण कुंज सैलाना कुंज राधाकृष्ण मंदिर प्रियावल्लभजी क्षीपी गली दतिया नौहरा हीरा मोहन सहित धर्मशाला जैसी कुल 11 संपत्तियां हैं। संकरी गलियों में स्थित इन मंदिरों को जीर्णोद्धार का इंतजार है। कुछ ऐसी स्थिति में भी पहुंच गए हैं कि कभी भी ढह सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 04 Oct 2024 05:45 AM (IST)
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वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर-परिसर हैं जो बेहाल हैं
जेएनएन, ग्वालियर। वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के आधिपत्य वाले 11 मंदिरों की स्थिति खराब है। जर्जर हो चुके इन मंदिरों पर वर्षों से यहां रहने वाले लोगों ने कब्जा कर लिया है। वे किराया भी नाममात्र का दे रहे हैं। तीन मंदिरों से जुड़ी संपत्ति को हड़पने की मंशा से कुछ लोगों ने जून, 2024 में मथुरा नगर निगम से उनका नामांतरण भी करवा लिया।

जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से नामांतरण को चुनौती दी गई है। इस पर सुनवाई जारी है। वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर-परिसर हैं। इनमें रतलाम कुंज, सावंत बिहारी कांच मंदिर, श्रवण कुंज, सैलाना कुंज राधाकृष्ण मंदिर, प्रियावल्लभजी क्षीपी गली, दतिया नौहरा, हीरा मोहन सहित धर्मशाला जैसी कुल 11 संपत्तियां हैं।

मंदिरों के पदेन प्रबंधक ग्वालियर संभाग के कमिश्नर

संकरी गलियों में स्थित इन मंदिरों को जीर्णोद्धार का इंतजार है। कुछ ऐसी स्थिति में भी पहुंच गए हैं कि कभी भी ढह सकते हैं। इन मंदिरों के पदेन प्रबंधक ग्वालियर संभाग के कमिश्नर हैं। जब राजाओं के मंदिर सरकार को दिए गए थे, तब ये मंदिर मध्य प्रदेश सरकार के आधिपत्य में आए थे। इन्हें ग्वालियर संभाग मुख्यालय के अधीन कर दिया गया।

ग्वालियर संभाग के कमिश्नर के पास माफी एवं औकाफ के अंतर्गत आने वाली संपत्ति (देवस्थान व्यवस्था) की देखरेख करना और आवश्यक नियंत्रण रखना भी है। जिन मंदिरों का गलत ढंग से नामांतरण कराने का प्रयास किया गया है, उनमें पहले बिजावर स्टेट का नाम चढ़वाया गया, फिर मथुरा नगर निगम में इन मंदिर परिसरों का संपत्तिकर भरकर नामांतरण कराया गया।

मथुरा जिला प्रशासन से निगरानी की अपेक्षाइन मंदिरों की देखरेख के लिए ग्वालियर के अधिकारियों ने मथुरा जिला प्रशासन को पूर्व में यह भी सुझाव दिया कि इन मंदिरों की बेहतर देखरेख हो, इसके लिए मथुरा जिले के जिम्मेदार अधिकारी को सदस्य बनाया जा सकता है। मथुरा के जिलाधिकारी से भी ग्वालियर के अफसर मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन हल नहीं निकल सका।

ग्वालियर से कर्मचारी आवश्यक कार्रवाई के लिए वृंदावन भेजे

जिलाधिकारी की ओर से मथुरा के पीडब्ल्यूडी विभाग को किराया निर्धारण के लिए कहा गया, लेकिन पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बड़े सर्वे की जरूरत बता दी। इस बीच, गलत ढंग से नामांतरण की सूचना के बाद से ग्वालियर से कर्मचारी आवश्यक कार्रवाई के लिए वृंदावन भेजे गए। 30 सितंबर के पहले कई बार वृंदावन जा चुका है।

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