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इंदौर आश्रय गृह में फूड प्वाइजनिंग से 5 बच्चों की मौत, 38 अस्पताल में भर्ती; जांच के लिए हुआ समिति का गठन

मध्य प्रदेश के इंदौर में फूड प्वाइजनिंग के कारण कुछ बच्चों की मृत्यु का मामला सामने आया है। श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र में संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग की घटना में दो और बच्चों की मौत हो गई है जिसके बाद अब मृतक बच्चों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। वहीं फूड प्वाइजनिंग के कारण उपचार करा रहे बच्चों की संख्या भी बढ़कर 38 हो गई है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Published: Wed, 03 Jul 2024 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 12:14 PM (IST)
इंदौर में फूड प्वाइजनिंग से 38 बच्चे बीमार और 5 की मौत (फोटो- X)

एएनआई, इंदौर (मध्य प्रदेश)। इंदौर के श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र में संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग की घटना में दो और बच्चों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बुधवार को बताया कि फूड प्वाइजनिंग के लक्षणों के कारण उपचार करा रहे बच्चों की संख्या भी बढ़कर 38 हो गई है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है।

सभी बच्चों का शहर के सरकारी चाचा नेहरू अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनमें से चार को गहन चिकित्सा इकाई वार्ड में भर्ती कराया गया है।

इससे पहले भी हो चुकी है कई बच्चों की मौत

मंगलवार को दो और बच्चों की मौत की खबर आई। इससे पहले 1 जुलाई को दो बच्चों की मौत की खबर आई थी, जबकि 30 जून को भी दो बच्चों की मौत की खबर आई थी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, कुल 38 बच्चों का इलाज चल रहा है और इनमें से चार आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं। हम अगले 48 घंटों तक आश्रम पर कड़ी नजर रखेंगे। अगर किसी बच्चे में कोई लक्षण पाया जाता है तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

उन्होंने कहा, मौके से नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए हैं, इसकी रिपोर्ट आज मिलेगी। इसके बाद हम घटना के कारणों का पता लगा पाएंगे। संक्रमण के कारण मंगलवार को दो बच्चों की मौत हो गई और सोमवार को भी दो बच्चों की मौत हो गई और 38 का इलाज चल रहा है।

घटना की जांच के लिए हुआ समिति का गठन

उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की गई है जो मामले की जांच कर रही है। इससे पहले कलेक्टर ने कहा था कि 30 जून को एक बच्चे की मौत हुई थी और प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी मौत संक्रमण के कारण नहीं हुई, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

राज्य के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट मंगलवार रात अस्पताल में बच्चों से मिलने भी पहुंचे थे।

विजयवर्गीय ने पत्रकारों से कहा, आश्रम में सभी बच्चे मानसिक रूप से अविकसित और विकलांग हैं। इस आश्रम में पूरे मध्य प्रदेश के बच्चे हैं। यह एकमात्र ऐसा संस्थान है और वे अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन ऐसा क्यों हुआ, इसकी जांच की जा रही है। डॉक्टरों से बात की गई है। अधिकांश बच्चे डायरिया से पीड़ित हैं। इस मौसम में बच्चों को डायरिया हो जाता है। वहां के पानी के सैंपल लिए गए हैं, उनके खाने के सैंपल भी लिए गए हैं।

आश्रम में रहते हैं करीब 200 बच्चे

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने मुझे और तुलसी सिलावट को यहां भेजा है, हमने कलेक्टर और कमिश्नर को संस्थान का पूरा मास्टर प्लान तैयार कर इसे विकसित करने के निर्देश दिए हैं। हम वहां के जीवन स्तर को उन्नत करेंगे और भोजन की गुणवत्ता में सुधार करेंगे, ताकि यह घटना दोबारा न हो।

आश्रम में करीब 200 बच्चे रहते हैं। यह एक एनजीओ द्वारा संचालित है और यहां विकलांग और अनाथ बच्चे रहते थे। इनकी उम्र पांच साल से लेकर 15 साल के बीच है।

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