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मध्य प्रदेश में 55 हजार डॉक्टर पंजीकृत, ऑनलाइन सत्यापन में मिले महज 24 हजार; KYC पर दिया जा रहा जोर

मध्य प्रदेश में ऑनलाइन सत्यापन में महज 24 हजार डॉक्टर ही मिले हैं। ऐसे में इन डाक्टरों से निर्धारित साफ्टवेयर में लाइव फोटो भेजने के लिए कहा जा रहा है ताकि इनका केवाईसी हो सकें लेकिन अभी तक महज 400 डॉक्टरों का ही केवाईसी हो पाया है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 29 Apr 2023 09:11 PM (IST)
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मध्य प्रदेश में 55 हजार डॉक्टर पंजीकृत (फाइल फोटो)
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में 55 हजार डाक्टर पंजीकृत हैं, लेकिन ऑनलाइन सत्यापन में आधे से कम ही डॉक्टर मिले हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कई डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश मेडिल काउंसिल में उनकी पंजीयन जीवित के तौर पर दर्ज है। ऐसे में केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की गई है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में ऑनलाइन सत्यापन में महज 24 हजार डॉक्टर ही मिले हैं। ऐसे में इन डाक्टरों से निर्धारित साफ्टवेयर में लाइव फोटो भेजने के लिए कहा जा रहा है, ताकि इनका केवाईसी हो सकें, लेकिन अभी तक महज 400 डॉक्टरों का ही केवाईसी हो पाया है। 

4000 डॉक्टरों को किया गया चिह्नित

पहले चरण में 4000 डॉक्टरों को केवाईसी के लिए चिह्नित किया गया है और इन डॉक्टरों को बार-बार फोन किया जा रहा है। इसके बावजूद रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। 1939 में मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल के गठन के बाद से डॉक्टरों का पंजीयन होता रहा है, लेकिन डॉक्टरों के निधन के बाद उनका नाम नहीं हटाया गया। इसी वजह से केवाईसी के लिए जोर दिया जा रहा है, ताकि डॉक्टरों की असल संख्या की पहचान हो सके।

साल 2021 में शुरू हुई थी सत्यापन प्रक्रिया

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में डॉक्टरों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। ऐसे में डॉक्टरों को एमपी ऑनलाइन के माध्यम से जानकारी मुहैया करानी थी, जहां पर उन्हें अपना पंजीयन नंबर, मोबाइल नंबर और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी देनी पड़ती है। डॉक्टरों ने सत्यापन की प्रक्रिया को लेकर शुरुआत में विरोध किया था, लेकिन काउंसिल की सख्ती के बाद करीब 20 हजार डॉक्टरों ने अपनी जानकारी साझा की। 

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