MP News: मध्य प्रदेश में बड़ा फर्जीवाड़ा, हिंदुओं के नाम से 56 मदरसों ने लिया 125 करोड़ रुपये का अनुदान
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में 56 मदरसों में हिंदुओं के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मदरसा संचालकों ने शहर के गणमान्य नागरिकों व्यापारी वर्ग और जनप्रतिनिधियों के बच्चों के नाम भी विद्यार्थी के रूप में दर्ज कर लिए थे। अधिकारियों के अनुसार 56 मदरसों में हिंदू बच्चों के नाम दर्ज पाए गए हैं। इनके नाम पर सात वर्षों में 125 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान लिया गया।
सुरेश वैष्णव, श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में मंगलवार को जिला शिक्षा विभाग की रिपोर्ट पर मदरसा बोर्ड द्वारा जिन 56 मदरसों की मान्यता रद की गई, वहां हिंदू बच्चों के नाम विद्यार्थी के रूप में दर्ज कर वित्तीय वर्ष 2016-17 से अब तक सात वर्षों में 125 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान लिया गया।
मदरसा संचालकों ने शहर के गणमान्य नागरिकों, व्यापारी वर्ग और जनप्रतिनिधियों के बच्चों के नाम भी विद्यार्थी के रूप में दर्ज कर लिए थे। अधिकारियों के अनुसार 56 मदरसों में 9132 में 650 हिंदू बच्चों के नाम दर्ज पाए गए हैं। जिन बच्चों के नाम सामने आए हैं, उनमें कोई विदेश में रह रहा है तो कोई बड़े पद पर नौकरी कर रहा है, मृतकों के नाम दर्ज कर भी सरकारी अनुदान लिया गया।
बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया
उधर शिक्षा अधीक्षक रवींद्र सिंह तोमर का कहना है कि फर्जीवाड़ा कर सरकारी धन हड़पने की पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जो भी निर्देश आएंगे, उसके आधार पर मदरसा संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी।शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार श्योपुर के डा. देवेंद्र शर्मा के दो पुत्रों व एक पुत्री को भी मदरसे में अध्ययनरत दर्शाकर उनके नाम पर अनुदान लिया जा रहा था, जबकि इनके एक पुत्र बैंक ऑफ बड़ौदा की ग्वालियर शाखा में अधिकारी हैं। जिला पंचायत कार्यालय में खाद्यान्न प्रभारी का कार्य देख रहे प्रमोद गुप्ता के दोनों बच्चों को ही नहीं, भाजपा के युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष सौरभ भार्गव का नाम भी मदरसे में बतौर विद्यार्थी दर्ज किया गया है।
मृतक बेटी भी मदरसे में अध्ययनरत दर्शाए गए
इसी तरह मदरसे में छात्र दर्शाए गए गौरव गोयल उत्तर प्रदेश के जालौन में शासकीय शिक्षक हैं। सत्येंद्र उपाध्याय सीहोर में शिक्षक हैं। प्रसिद्ध व्यवसायी स्व. प्रेम पटेल के मृतक बेटे एवं नगर के भाजपा नेता बद्रीप्रसाद राठौर की मृतक बेटी भी मदरसे में अध्ययनरत दर्शाए गए। एक महाविद्यालय में प्राचार्य रहे डा. एसडी राठौर के पुत्र यूक्रेन में चिकित्सक थे। यूक्रेन संकट के दौरान भारत सरकार की सहायता से भारत लाए गए। उनका और उनकी पुत्री के नाम भी दर्ज कर अनुदान लिया जा रहा था।सराफा व्यवसायियों के बच्चों के नाम भी मदरसों में दर्ज पाए गए
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष, अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष, शहर के प्रतिष्ठित सराफा व्यवसायियों के बच्चों के नाम भी मदरसों में दर्ज पाए गए हैं। शहर काजी अतीकउल्लाह कुरैशी की पोती मदरसे में अध्ययनरत दर्शाई गई, जबकि वह विदेश जाने की तैयारी में थी, लेकिन प्रसूता होने के चलते वह अभी भारत में ही निवासरत है। इतना ही नहीं, एक ही गांव में एक ही नाम से कई मदरसे अलग-अलग पतों पर संचालित पाए गए। इन मदरसों में 100 से 350 तक बच्चों के नाम दर्ज किए गए हैं।
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