Navratri 2022: जबलपुर सेंट्रल जेल के 800 कैदियों ने रखा उपवास, खुद तैयार की दुर्गा मां की प्रतिमा
जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल (Netaji Subhash Chandra Bose Central Jail) में 800 कैदी नवरात्र का उपवास रख रहे हैं। यहां रहने वाले कैदियों ने मिलकर मां की दो मूर्तिया तैयार की है। सैकड़ों कैदी सुबह-शाम मां की आरती और पूजा करते हैं।
By JagranEdited By: Babita KashyapUpdated: Fri, 30 Sep 2022 11:01 AM (IST)
जबलपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल (Netaji Subhash Chandra Bose Central Jail) में नवरात्र पर भक्तिमय माहौल देखने को मिल रहा है। जेल में बंद 800 कैदियों ने नवरात्र का व्रत रखा है। लगभग 12 कैदियों ने मिलकर दो दुर्गा प्रतिमाएं तैयार की है। जिनकी दैनिक पूजा और आरती पूरे विधि-विधान से की जा रही है।
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर से मिली जानकारी के अनुसार दुर्गा मां की प्रतिमा तैयार करने में दो अनुभवी कैदियों का अहम योगदान है। दोनों सालों से गणेश और दुर्गा की मूर्ति बनाने का काम कर रहे थे। इस बीच किसी अपराध की वजह से इन्हें सजा दी गई और दोनों जेल पहुंच गए।
जेल के तालाब की मिट्टी का उपयोग दुर्गा प्रतिमाओं को तैयार करने में किया गया है। यहां तक कि कैदियों ने गौशाला से गाय का गोबर, चारा और लकड़ी के पटे भी तैयार किए हैं।
यहां तक कि दोनों मूर्तियों के लिए कपड़े भी जेल में बंद कैदियों ने तैयार किए हैं। बाकी साज सज्जा का सामान जेल के बाहर से खरीदा गया था। उपकरण और अलंकरण जेल के बाहर से लाए गए थे।
जेल के दोनों खंडों में स्थापित की गई मां दुर्गा की प्रतिमा
जेल दो खंडों में बंटी हुई है। पूर्वी खंड और पश्चिमी खंड। कैदियों को जेल के इन दोनों वर्गों में रखा जाता है। दोनों खंडों में मां दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित करने के लिए कैदियों ने विशेष रूप से सजावट की है।
जेल प्रशासन द्वारा बंदियों की भक्ति को देखते हुए दोनों प्रखंडों की मूर्तियों को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया गया है। सैकड़ों कैदी सुबह-शाम मां की आरती और पूजा करते हैं।
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