Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी आज, श्रीहरि को जगाने के लिए बजाये जाते हैं शंख, ढोल और मंजीरे
Dev Uthani Ekadashi 2022 117 दिवसीय योग निद्रा के बाद देवशयनी एकादशी पर श्री हरि को नींद से जगाया जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में महिलाएं प्राचीन नरसिंह मंदिर और जानकी नाथ मंदिर पहुंचती हैं और पुजारी से मंदिर के कपाट खुलवाएं जाते हैं।
इंदौर, जागरण आनलाइन डेस्क।Dev Uthani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी पर 117 दिवसीय योग निद्रा पर भगवान शिव को ब्रह्मांड का संचालन करने की जिम्मेदारी देकर गए श्री हरि विष्णु देव प्रबोधिनी एकादशी (4 नवंबर) को नींद से जगाया जाता है।
इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में महिलाएं प्राचीन नरसिंह मंदिर और जानकी नाथ मंदिर पहुंचकर, पुजारी से मंदिर के कपाट खुलवाती हैं। इसके बाद कृष्ण मंदिरों में थाली, शंख और घंटियां बजाकर भगवान को नींद से जगाया जाता है। साथ ही तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है। विभिन्न समाजों के सामूहिक विवाह भी होंगे।
शाम के समय होगा तुलसी विवाह
500 साल पुराने लक्ष्मी-नरसिंह मंदिर नरसिंह बाजार के पुजारी छोटेलाल शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर की परंपरा के अनुसार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान को जगाया गया। इसके पश्चात शाम 7 बजे तुलसी विवाह का कार्यक्रम होगा।
गेंदेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर परदेशीपुरा में शंख, ढोल और मंजीरे बजाकर भगवान को शयन से जगाया गया। प्रशासक राजेश विजयवर्गीय ने बताया कि शाम के सत्र में तुलसी और शालिग्राम की पूजा की जाएगी, इस मौके पर आतिशबाजी भी होगी।
26 नवंबर से बजेगी शहनाईयां
शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण चातुर्मास पर मांगलिक आयोजनों पर रोक 141 दिनों तक बढ़ गई है। इससे विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश सहित विभिन्न शुभ कार्य 26 नवंबर से शुरू होंगे। ज्योतिषी कान्हा जोशी के अनुसार भगवान 10 जुलाई को योग निद्रा पर गए थे, जबकि विवाह समारोह 9 जुलाई से रोक दिया गया था। विवाह मुहूर्त नवंबर में 26, 27, 28 और दिसंबर में 2, 7, 8, 9 को है।
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