MP: महाराष्ट्र को पछाड़कर अब एमपी बनेगा सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला राज्य, वन्य प्राणी बोर्ड ने दी मंजूरी
सागर जिले के नौरादेही एवं नरसिंहपुर के वीरांगना दुर्गावती अभयारण्यों को मिलाकर यह टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। इसी के साथ उत्तर सागर वन मंडल को अभयारण्य बनाने और खरमोर अभयारण्य सरदारपुर (धार) के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर भी सहमति बन गई है।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 15 Oct 2022 01:41 AM (IST)
भोपाल, जेएनएन। छह टाइगर रिजर्व वाले राज्य महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए मध्य प्रदेश के हिस्से में एक और नई उपलब्धि जुड़ने वाली है। मप्र अब सबसे अधिक टाइगर रिजर्व वाला राज्य होगा। अब तक मप्र और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य थे, जहां सबसे अधिक छह-छह टाइगर रिजर्व थे। मध्य प्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड ने प्रदेश के सातवें 'वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व' के गठन की मंजूरी दे दी है।
सागर जिले के नौरादेही एवं नरसिंहपुर के वीरांगना दुर्गावती अभयारण्यों को मिलाकर यह टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। इसी के साथ उत्तर सागर वन मंडल को अभयारण्य बनाने और खरमोर अभयारण्य सरदारपुर (धार) के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर भी सहमति बन गई है। यह प्रस्ताव अब केंद्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को भेजे जाएंगे।
रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने, मंदसौर के सैलाना खरमोर अभयारण्य के पुनर्गठन एवं बालाघाट जिले के सोनेवानी वनक्षेत्र को अभयारण्य बनाने के प्रस्ताव को फिलहाल रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन मामलों में पहले जनता की राय ले लें। बोर्ड की 23वीं बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय में हुई, जो करीब एक घंटे चली।
2339 वर्ग किमी का टाइगर रिजर्व
चीता परियोजना के तहत नौरादेही का चयन किया गया है। इसे अब चीते बसाने के लिए तैयार किया जा रहा है। वहीं केन-बेतवा लिंक परियोजना से 6017 हेक्टेयर वनभूमि डूब रही है। इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व का 4141 हेक्टेयर कोर क्षेत्र भी है, जिसकी भरपाई के लिए भारत सरकार ने नौरादेही और वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने की शर्त रखी थी।
वन विभाग की वन्यप्राणी शाखा ने 1414 वर्ग किलो मीटर का कोर और 924 वर्ग किलो मीटर का बफर क्षेत्र प्रस्तावित किया है। इन दोनों अभयारण्यों के बीच एक गलियारा बनता है, जो अब टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा।
सागर--बालाघाट में नए अभयारण्य
बोर्ड ने उत्तर सागर वनमंडल में प्रस्तावित डा. भीमराव आंबेडकर अभयारण्य को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए 258.64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अधिसूचित किया जा रहा है। इसमें एक वनग्राम है, जिसे हटाना होगा। प्रस्तावित अभयारण्य सीमा में 64 पट्टेदारों की भूमि है।
हालांकि, बालाघाट जिले के सोनेवानी वनक्षेत्र में प्रस्तावित अभयारण्य को लेकर मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से परामर्श करने को कहा है। 163.195 वर्ग किमी के इस क्षेत्र में चार वनग्राम हैं। अभयारण्य बनाया गया तो इन ग्रामों को विस्थापित करना पड़ेगा।
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