Ashok Stambh Row:अशोक स्तंभ का इंदौर से गहरा नाता, चित्रकार ने चिड़ियाघर में रह किया था शेरों के हाव-भाव का अध्ययन
Ashok Stambh Rowअशोक स्तंभ के डिजाइन को तैयार करने वाले चित्रकार स्वर्गीय स्व. दीनानाथ भार्गव ने अशोक स्तंभ को कवर पेज पर बनाने के लिए काफी मेहनत की थी। इसके लिए उन्होंने एक महीने तक कोलकाता के चिड़ियाघर में रहने के बाद शेरों के हाव-भाव का अध्ययन किया था।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2022 03:09 PM (IST)
इंदौर, जागरण आनलाइन डेस्क। नई दिल्ली में नए संसद भवन में बनाए गए अशोक स्तंभ के शेरों को लेकर इन दिनों विवाद जोर पकड़ता जा रहा है। शेरों के आकार को लेकर नई-नई प्रतिक्रियाएं प्रतिदिन सामने आ रही हैं। हालांकि अशोक स्तंभ का संबंध इंदौर से भी है।
भारत के संविधान के लिए अशोक स्तंभ के साथ सोने के वर्क से बना पहला पृष्ठ अभी भी आनंद नगर, चितवाड़, इंदौर में संरक्षित है। संविधान के इस पृष्ठ पर बने अशोक स्तम्भ की डिजाइन नगर के चित्रकार स्वर्गीय स्व. दीनानाथ भार्गव ने तैयार किया था। उस पर काली स्याही का ब्रश गिरने के कारण उसने ठीक उसी तरह एक और चित्र तैयार किया जो भारतीय संविधान की पुस्तक में है। पहली बार सोने के वर्क से बना संविधान का पहला पन्ना आज भी उनकी पत्नी प्रभा भार्गव और पुत्र सौमित्र भार्गव की स्मृतियों में सुरक्षित है।
12,000 रुपये मिला था पारिश्रमिक
85 वर्षीय प्रभा भार्गव ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 24 दिसंबर 2016 को हुई थी। वर्ष 1948 में बने भारत के संविधान की मूल प्रति दिल्ली की ललित कला अकादमी में रखी गई है। जब यह तैयार किया जा रहा था, उस टीम में दीनानाथ भार्गव को भी शामिल किया गया था। उस समय वे शांतिनिकेतन में ललित कला के द्वितीय वर्ष के छात्र थे। उन्हें 1949 में सरकार द्वारा 12,000 रुपये का पारिश्रमिक दिया गया था।
12 होनहार छात्रों का हुआ था चयन
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन को संविधान की डिजाइनिंग के लिए 230 पृष्ठ भिजवाएं थे। तब कला भवन के प्राचार्य नंदलाल बोस ने संविधान के सभी पन्नों पर रूपरेखा और मुख्य पृष्ठ तैयार करने के लिए 12 होनहार छात्रों का चयन किया। भार्गव उनमें से एक थे। उनका डिजाइन अन्य छात्रों से बेहतर था। इसी कारण बोस ने उन्हें अशोक स्तंभ के डिजाइन और 20 पृष्ठों की रूपरेखा डिजाइन की जिम्मेदारी सौंपी।
एक महीने चिड़ियाघर में रहकर शेरों के हाव-भाव का अध्ययनदीनानाथ ने अशोक स्तंभ को कवर पेज पर बनाने के लिए काफी मेहनत की थी। इसके लिए उन्होंने एक महीने तक कोलकाता के चिड़ियाघर में रहने के बाद शेरों के हाव-भाव का अध्ययन किया। उन्होंने अपने काम को बेहतरीन बनाने के लिए अथक परिश्रम किया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।