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झमाझम बारिश से बढ़ा बरगी डैम का जलस्‍तर, 17 गेट खोले गए; नर्मदा नदी भी उफान पर

बरगी बांध के (Bargi Dam) जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण बांध का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। अब कुल 17 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है। ग्वारीघाट में नर्मदा (Narmada River) का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि सभी दुकानें जलमग्न हो गई हैं।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 07:41 AM (IST)
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बरगी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण बांध का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
जबलपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। संभाग में मूसलाधार बारिश के कारण हर तरफ पानी ही पानी हो गया है। बरगी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण बांध का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से रविवार रात आठ बजे बांध के 14 गेट खोल दिए गए जबकि तीन गेट पहले से ही खुले थे। इस तरह अब कुल 17 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है।

इन फाटकों का औसत उद्घाटन 2.03 मीटर है। बरगी बांध नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में बांध में पानी की आवक 1424 घन मीटर प्रति सेकेंड है, जबकि कुल निकासी 4938 घन मीटर प्रति सेकेंड है। बांध से इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने से नर्मदा उफान पर है।

ग्वारीघाट में नर्मदा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि सभी दुकानें जलमग्न हो गई हैं। पानी सड़क पर आ गया है। इसी तरह तिलवाराघाट, भेड़ाघाट में भी जलस्तर बढ़ गया है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने लोगों से नर्मदा के किनारे और बरगी बांध के पास सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है। निगम प्रशासन, होमगार्ड और रेस्क्यू टीम को भी अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है।

सड़कें और गलियां जलमग्‍न

जिला मुख्यालय और आसपास के इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश ने हर तरफ पानी ही पानी कर दिया है। जहां शहर की कई सड़कें और गलियां जलमग्न हैं, वहीं बरगी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हुई बारिश से बांध का जलस्तर भी बढ़ गया है।

लगातार बारिश के चलते बरगी बांध के 15 गेट रविवार शाम चार बजे खोल दिए गए। इनमें से नौ गेट दो-दो मीटर, चार गुणा एक मीटर और दो गुणा आधा मीटर खोल दिए गए हैं। इस तरह से फाटक खोले जाने का औसत समय 1.53 मीटर है।

बांध में पानी की आवक और निकासी 

बरगी बांध नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में बांध में पानी की आवक 1424 घन मीटर प्रति सेकेंड है, जबकि कुल निकासी 3516 घन मीटर प्रति सेकेंड है। इस हिसाब से बांध का जलस्तर करीब 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा नीचे जाएगा। जलग्रहण क्षेत्रों में पानी गिरने की स्थिति में बांध के पानी के फाटकों के खुलने की संख्या अलग-अलग हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार दोपहर तक चार दिन तक एक दर्जन से अधिक गेट खुले रहे, जिससे बांध का जलस्तर तेजी से गिरा और बांध का जलस्तर 422 मीटर से गिरकर 420 मीटर पर आ गया। इस वजह से रविवार सुबह से ही बांध के लगभग सभी गेट बंद कर दिए गए थे। आधा मीटर तक सिर्फ तीन गेट खुले रखे गए।

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मध्यप्रदेश में विगत 2 दिनों से लगातार तेज बारिश का दौर जारी है। भोपाल, गुना, रायसेन, सागर, जबलपुर सहित अनेक जिलों में अविराम वर्षा हो रही है। प्रदेश के समस्त जिला प्रशासन को अतिवृष्टि में अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश में अतिवृष्टि के दौरान स्थिति नियंत्रण में है। मैं प्रदेश की जनता से अपील करता हूं और उनका सहयोग चाहता हूं कि अतिवृष्टि के दौरान सतर्क रहें,ऐसे स्थानों पर ना जाएं,जहां जलभराव की स्थिति बनती है। नदी,तालाब,डैम इत्यादि स्थानों पर भी जाने से बचें।
- Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 22 Aug 2022

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