Bhopal gas tragedy case: 36 साल बाद विदेश कंपनी की कोर्ट में दलील, कहा- जिला न्यायालय को सुनवाई का अधिकार नहीं
दो दिसंबर 1984 की रात को जेपी नगर स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस घटना में हजारों लोग मारे गए थे और लाखों प्रभावित हुए थे। मंगलवार को भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार विदेशी कंपनी द-डाउ केमिकल ने जिला न्यायालय में अपनी उपस्थिति दी। त्रासदी के तकरीबन 36 साल बाद कंपनी कोर्ट के आगे पेश हुई।
जागरण न्यूज नेटवर्क, भोपाल। Bhopal gas tragedy case। भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार विदेशी कंपनी द-डाउ केमिकल ने मंगलवार को जिला न्यायालय में अपनी उपस्थिति दी। त्रासदी के तकरीबन 36 साल बाद कंपनी कोर्ट के आगे पेश हुई। न्यायाधीश विधान माहेश्वरी की कोर्ट में कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव और भोपाल के वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप गुप्ता उपस्थित हुए।
कोर्ट के आगे कंपनी ने क्या दिया तर्क
दोनों ने उपस्थिति पत्रक और आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किया। साथ ही तर्क दिया कि द-डाउ केमिकल कंपनी अमेरिका की है, इसलिए भोपाल जिला न्यायालय को कार्रवाई करने का अधिकार ही नहीं है। इस दलील पर भोपाल ग्रुप फॉर इंफार्मेशन एंड एक्शन के अधिवक्ता अवि सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय को बताया कि इस मामले में उक्त कंपनी की ही जिम्मेदारी बनती है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अब छह अक्टूबर को इस बात पर कोर्ट निर्णय करेगी कि इस मामले में सुनवाई की जाए या नहीं। वहीं, मामले में अगली सुनवाई 25 नवंबर को तय की गई है।
बता दें कि दो दिसंबर, 1984 की रात को जेपी नगर स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस घटना में हजारों लोग मारे गए थे और लाखों प्रभावित हुए थे। यह दुनिया की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी में से एक थी। त्रासदी के बाद उक्त घटना को लेकर आपराधिक प्रकरण 304-ए के अंतर्गत दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने कंपनी को घोषित किया था फरार
इसमें अभियुक्त यूनियन कार्बाइड कंपनी यूएस को बनाया गया था, लेकिन तब उक्त कंपनी के प्रतिनिधि या उसकी ओर से कोई भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए थे। इस पर कोर्ट ने कंपनी को फरार घोषित किया था।
सीबीआई और भोपाल ग्रुप फार इंफार्मेशन एंड एक्शन व गैस पीड़ित संगठनों की ओर से एक आवेदन प्रस्तुत किया गया कि यूनियन कार्बाइड यूएस को द-डाउ केमिकल ने खरीद लिया है। साथ ही अब उसका नया नाम द-डाउ केमिकल कंपनी हो गया है, इसीलिए प्रकरण में उसे आरोपी बनाया जाए। उक्त आवेदन पर कोर्ट ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
भोपाल गैस कांड: एक नजर
दो दिसंबर, 1984 को घटी थी घटना।
जेपी नगर स्थित कारखाने से हुआ था मिथाइल आइसोसाइनेट (मिक) गैस का रिसाव।
1987 में सीबीआई ने कंपनी के खिलाफ दर्ज किया था अपराध।
1992 में कंपनी को घोषित किया गया था भगोड़ा।
फरवरी 2001 में यूनियन कार्बाइड से द-डाउ केमिकल ने खरीदी थी कंपनी।
2004 में गैस पीड़ित संगठन के प्रतिनिधियों ने कोर्ट में याचिका लगाकर खरीदार कंपनी को आरोपित बनाने की रखी थी मांग।
2014 से हो रहे थे खरीदार कंपनी को समन जारी।
अमेरिका के 12 सांसदों ने अपने देश के न्याय विभाग को लिखा था समन पेश करने के लिए पत्र।
यह भी पढ़ें: Bhopal Gas Tragedy Case Verdict: SC से भोपाल त्रासदी के पीड़ितों को झटका, मुआवजा बढ़ाने की मांग की खारिज