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Budget 2024: मध्य प्रदेश के रेल नेटवर्क को दुरुस्त करेगा बजट, भोपाल रेल मंडल को मिलेंगे वंदे भारत के स्लीपर कोच और मेट्रो वर्जन

बजट में इस बार रेलवे पर क्षमता वृद्धि आधुनिकीकरण संरक्षा और यात्री सुविधाओं की ओर अधिक ध्यान दिया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप फार्मूले के तहत होने वाले विकास कार्य में बड़े उद्योग समूह को जोड़ा जाएगा जो प्रीमियम सर्विस उपलब्ध कराएंगे। वंदे भारत का मेट्रो वर्जन एवं वंदे भारत के स्लीपर रेल कोच मार्च के बाद भोपाल रेल मंडल को उपलब्ध होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma Updated: Fri, 02 Feb 2024 06:30 AM (IST)
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भोपाल रेल मंडल को मिलेंगे वंदे भारत के स्लीपर कोच और मेट्रो वर्जन
जेएनएन, भोपाल। साल के अंतरिम बजट में रेलवे के विकास के लिए 10 वर्षों की रणनीति में बदलाव कर अधिकाधिक निवेश पर बल दिया गया है। इस बार रेलवे पर क्षमता वृद्धि, आधुनिकीकरण, संरक्षा और यात्री सुविधाओं की ओर अधिक ध्यान दिया है।

342 किलोमीटर अतिरिक्त लाइन बनाई जाएंगी।

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप फार्मूले के तहत होने वाले विकास कार्य में बड़े उद्योग समूह को जोड़ा जाएगा, जो प्रीमियम सर्विस उपलब्ध कराएंगे। वंदे भारत का मेट्रो वर्जन एवं वंदे भारत के स्लीपर रेल कोच मार्च के बाद भोपाल रेल मंडल को उपलब्ध होंगे। इसके अलावा अमृत भारत रेलगाड़ी रानी कमलापति एवं भोपाल रेलवे स्टेशन से जल्द शुरू की जाएगी। भोपाल से रामगंज मंडी 262 किलोमीटर, ललितपुर, सतना, रीवा, सिंगरौली, खजुराहो तक 541 किलोमीटर और इंदौर से जबलपुर 342 किलोमीटर अतिरिक्त लाइन बनाई जाएंगी।

वर्ष 2024-25 में रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है जो अभी तक का सर्वाधिक है। रेलवे में तीन बड़े कारिडोर का निर्माण होगा, जिनमें एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कारिडोर, हाई ट्रैफिक डेंसिटी कारिडोर और पोर्ट कनेक्टिविटी कारिडोर बनाया जाएगा।

एमपी में रेल कार्य बहुत तेजी से हो रहे हैं

इन कॉरिडोर के बनने से देश में आर्थिक विकास को बल मिलेगा। इसके साथ ही 40 हजार कोच को वंदे भारत के मानक के अनुरूप तैयार किया जाएगा। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मध्यप्रदेश बड़ा प्रदेश है। वर्ष 2009-14 तक प्रदेश को औसत बजट मात्र 632 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष मिलता था जिसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2024-25 के बजट में 15,143 करोड़ रुपये आवंटन किया है, जो अभी तक का सर्वाधिक बजट आवंटन है। मध्यप्रदेश में रेल कार्य बहुत तेजी से हो रहे हैं।

भोपाल के लिए यह खास, मौजूदा ट्रैक पर दोहरीकरण

भोपाल बीना 143 किलोमीटर, गुना रुठियाई 20.5 किलोमीटर, बुधनी बरखेड़ा 33 किलोमीटर, बीना-कोटा 282 किलोमीटर, बरखेड़ा-हबीबगंज 41 किलोमीटर, इटारसी-बुधनी 25 किलोमीटर, कटनी-सिंगरौली 261 किलोमीटर, मालखेड़ी-महादेव खेड़ी नौ किलोमीटर, सन तलाई-इटारसी-बागरा-तवा सात किलोमीटर, कटनी- बीना 278 किलोमीटर, कटनी-ग्रेड सेपरेटर 21 किलोमीटर व सतना-रीवा 50 किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण किया जाएगा। इसके अलावा नए लेवल कासिंग बनेंगे, जिसमें कोटा, मथुरा, इटारसी, मानिकपुर, बीना, कोटा, भोपाल-इटारसी, मानिकपुर, नागदा, मथुरा शामिल हैं।

80 रेलवे स्टेशनों को किया जाएगा पुनर्विकसित

प्रदेश में 77 हजार करोड़ रुपये के निवेश से बहुत तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 100 प्रतिशत रेल लाइनों को विद्युतीकरण हुआ है। 80 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में रेलवे ट्रैक पर 972 फ्लाईओवर और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण होगा। साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक स्टेशन-एक उत्पाद की 69 स्टाल संचालित हो रही है।

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