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Project Cheetah MP: पीएम मोदी के जन्‍मदिवस पर देश में चीता युग की वापसी, 1952 में विलुप्‍त हो गई थी ये प्रजाति

Project Cheetah MP प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज अपने जन्‍मदिवस पर मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में आठ चीतों को छोड़ेंगे। ये चीते नामीबिया से लाए जा रहे हैं। चीतों को देश में आखिरी बार 75 साल पहले 1947 में देखा गया था।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 07:54 AM (IST)
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Project Cheetah MP: पीएम नरेन्‍द्र मोदी अपने जन्‍मदिवस (17 सितंबर) पर देश को चीता युग की वापसी का तोहफा देंगे
श्‍योपुर, धनंजय प्रताप सिंह। Project Cheetah MP: आज पीएम नरेन्‍द्र मोदी अपने जन्‍मदिवस 17 सितंबर (PM Narender Modi's Birthday) पर देश को चीता युग की वापसी का तोहफा देंगे। ये चीते अफ्रीकी देश नामीबिया (Namibia) से लाए जा रहे तीन नर और पांच मादा चीतों को एक विशेष बोइंग विमान से देश के दिल कहे जाने वाले में मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) में छोड़ा जाएगा।

आखिरी बार 1947 में दिखे थे चीते 

चीतों को देश में आखिरी बार 75 साल पहले 1947 में देखा गया था। महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव ने तत्कालीन राज्य मध्य प्रांत और बरार (अब छत्तीसगढ़) के कोरिया जिले के जंगल में चीतों का शिकार किया था। भारत सरकार द्वारा 1952 में चीता प्रजाति को विलुप्त घोषित किया गया था।

विशेष बोइंग 747 विमान से आ रहे हैं चीते

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आठ चीतों को लेकर एक विशेष बोइंग 747 शुक्रवार शाम 7 बजे नामीबिया की राजधानी विंडहोक हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी जो शनिवार सुबह ग्वालियर में उतरेगा। यहां से उन्हें वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टरों से कुनो पालपुर लाया जाएगा।

इन आठ चीतों के लिए कुनो पार्क के कोर एरिया में छह क्वारंटाइन बाड़े तैयार किए गए हैं। इनमें से दो बाड़ों में दो-दो चीतों को रखा जाएगा। यहां से 100 मीटर की दूरी पर हेलीपैड तैयार किया गया है।

प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर यहां करीब 10: 45 बजे उतरेगा और वह चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ देंगे, जहां वे एक महीने तक रहेंगे। नामीबिया के विशेषज्ञों की एक टीम चीतों के साथ आ रही है, जो इनकी देखभाल करेगी और आवश्‍यकता पड़ने पर इलाज भी करेगी।

बाड़े से जंगल में कैसे छोड़े जाएंगे चीते

चीतों को पर्यटक करीब तीन महीने बाद (जनवरी 2023 से) देख सकेंगे। एक माह तक ये चीते क्वारंटाइन बाड़े में रहेंगे, इसके बाद इन्‍हें बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा। इनके सामने शाकाहारी वन्यजीव हिरण-सांबर छोड़ा जाएगा। पहला नर चीता अगले साल जंगल में छोड़ा जाएगा।

जब वह जंगल से परिचित हो जाएगा और निर्भय होकर शिकार करने लगेगा तो माता चीते को जंगल में छोड़ा जाएगा और उसके बाद एक-एक कर अन्‍य चीतों को छोड़ा जाएगा। सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी आरजी सोनी का कहना है कि अफ्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश की आवोहवा को लेकर किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है।

जंगल, खुले क्षेत्र और जलवायु यहां और वहां एक समान है। राजशाही में भी कई बार ईरान से चीतों को यहां लाकर यहीं बसाया जाता था।

चीता मित्रों से पीएम मोदी करेंगे संवाद  

चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी पार्क में मौजूद करीब दो सौ चीता मित्रों से बातचीत करेंगे।

कराहल में भी महिला सभा-  प्रधानमंत्री कराहल में स्वयं सहायता समूहों की करीब एक लाख महिलाओं को संबोधित करेंगे। कालियाबाई और सुनीता आदिवासी से भी बात करेंगे।

सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

प्रधानमंत्री के कुनो उद्यान और आसपास के गांव कराहल के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। 47 आईपीएस अधिकारियों समेत पांच हजार जवानों को लगाया गया है। एसपीजी के दो सौ जवानों भी यहां तैनात हैं।

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आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन पर मध्यप्रदेश को इससे बड़ी सौगात हो नहीं मिल सकती कि चीते नामीबिया से भारत, भारत में भी मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश में भी कूनो पालपुर आ रहे हैं। चीता समाप्त हो गया था, चीता का पुनर्स्थापन करने का करने का काम हो रहा है। यह सदी की वाइल्डलाइफ की सबसे बड़ी घटना है। इससे मध्यप्रदेश तथा विशेष रूप से उस अंचल में टूरिज्म बहुत तेजी से बढ़ेगा। इस क्षेत्र के लिए तो चीता वरदान होंगे। #MPWelcomesCheetah - Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 17 Sep 2022

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