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Project Cheetah: चीतों के शिकार के लिए किया गया इंतजाम, भूख मिटाने के लिए कूनो में लाए जाएंगे चीतल

दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कूनो नेशनल पार्क में चीतों के भोजन की समस्या से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था। इससे पहले भी यह बात सामने आई थी कि नेशनल पार्क में शाकाहारी वन्यप्राणियों की कमी के कारण चीतों को शिकार के लिए पार्क की सीमा से बाहर बार-बार निकलना पड़ रहा है। अब इस समस्या पर वनाधिकारियों का ध्यान गया है।

By Jagran News Edited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 09 Aug 2023 12:10 AM (IST)
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चीतों के शिकार की कमी दूर करने के लिए कूनो में लाए जाएंगे चीतल।

राज्य ब्यूरो, भोपाल। दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कूनो नेशनल पार्क में चीतों के भोजन की समस्या से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था। इससे पहले भी यह बात सामने आई थी कि नेशनल पार्क में शाकाहारी वन्यप्राणियों की कमी के कारण चीतों को शिकार के लिए पार्क की सीमा से बाहर बार-बार निकलना पड़ रहा है।

वन अधिकारियों ने दिया ध्यान

अब इस समस्या पर वनाधिकारियों का ध्यान गया है। कूनो पार्क में पेंच और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से चीतल शिफ्ट करने की योजना है, ताकि कूनो नेशनल पार्क में प्रति वर्ग किमी चीतल घनत्व बढ़ाया जा सके।

बारिश के बाद लाए जाएंगे चीतल

जानकारी के अनुसार, वर्षा का दौर कम होने पर इन्हें शिफ्ट किया जाएगा। जब चीता परियोजना तैयार की जा रही थी, तब कूनो में 28 चीतल प्रति वर्ग किमी थे, जो वर्ष 2021 में घटकर 23 प्रति वर्ग किमी रह गए और वर्ष 2023 में यह संख्या और घटी। वर्तमान में 18 चीतल प्रति वर्ग किमी हैं।

क्या है विशेषज्ञों की राय?

विशेषज्ञों का मानना है कि चीतों की मौजूदगी को देखते हुए कम से कम 25 चीतल प्रति वर्ग किलोमीटर का घनत्व तो होना ही चाहिए। चीतलों की लगातार घटती संख्या पर अफ्रीका के चीता विशेषज्ञों और भारतीय वन्यजीव प्रबंधन संस्थान देहरादून के विज्ञानियों ने प्रश्न उठाए हैं।

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