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MP News: वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन के लिए सीएम शिवराज का एलान, अब मिलेगी 25 लाख रुपये सम्मान निधि

Madhya Pradesh News मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन को मिलने वाली सम्मान निधि में बढ़ोतरी का एलान किया है। शिवराज ने कहा कि बलिदानियों के स्वजन को अब 25 लाख रुपये सम्मान निधि मिलेगी। वन मंत्री विजय शाह ने वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन के लिए सम्मान निधि बढ़ाने की मांग की थी।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Tue, 12 Sep 2023 12:32 PM (IST)
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वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन के लिए सीएम शिवराज का एलान
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एलान किया है। वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन को मिलने वाली सम्मान निधि में इजाफा किया गया है। अब वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन को 25 लाख रुपये सम्मान निधि मिलेगी। अभी यह राशि 10 लाख रुपये है।

समस्याओं का करेंगे समाधान

भोपाल में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर वनों की सुरक्षा की और बलिदान हुए, ऐसे बलिदानियों का राष्ट्र ऋणी है। प्रत्येक वर्ष मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस उद्देश्यपूर्ण ढंग से मनाएं, ऐसा प्रयास किया जाएगा।

पेड़ों को बचाना जरूरी

शिवराज ने आगे कहा कि मैं महावत, वन रक्षकों सहित वनों की रखवाली करने वाले मित्रों के साथ बैठक करूंगा। प्रतिनिधियों को बुलाकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सीएम ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेंट चेंज के खतरे यह सिद्ध करते हैं कि दुनिया को भारत के बताए रास्ते पर चलना पड़ेगा। पेड़ बचेंगे तो हम बचेंगे।

10 बेटों के समान है एक पेड़

शिवराज ने पेड़ों की अहमियत बताते हुए कहा कि 10 कुओं के समान एक बावड़ी, 10 बावड़ियों के समान एक तालाब, 10 तालाबों के समान एक पुत्र और दस पुत्रों के समान के वृक्ष होता है। वनों और वृक्षों का महत्व भारत में हजारों सालों से है। उन्होंने कहा कि जब हम वृक्षों को बचाते हैं तो हम आने वाली पीढ़ी को भी बचाने का काम करते हैं। यह भारत है, जो वृक्षों की पूजा करते आ रहा है। इसका भाव एक ही है कि यदि यह नहीं बचे तो हम भी नहीं बचेंगे।

क्या थी वन मंत्री की मांगें?

बता दें कि वन मंत्री विजय शाह ने मांग की थी कि वन रक्षा बलिदानियों के स्वजन के लिए सम्मान निधि बढ़ाई जाए। इससे पहले साल 2008 में बलिदानी के स्वजनों को पांच लाख से राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये की थी। मंत्री ने वर्दी का भत्ता ढाई हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये और जंगल में रहने वाले भाइयों को पौष्टिक आहार के लिए मिलने वाले रुपये बढ़ाने की भी मांग की थी।

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