Dhanteras 2022 Date: पांच दिवसीय दीपोत्सव पर तिथियों को लेकर असमंजस, रमा एकादशी आज
Dhanteras 2022 Date पांच दिवसीय पर्व की तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। तारीखों को लेकर लोगों के मन में भ्रम है। 22 तारीख शनिवार के दिन प्रदोष काल में धनतेरस (Dhanteras 2022) मनाई जाएगी और 27 अक्टूबर को भाई दूज (Bhai Dooj 2022) ।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Fri, 21 Oct 2022 07:53 AM (IST)
उज्जैन, जागरण आनलाइन डेस्क। Diwali 2022: पंचांग के अनुसार तिथि घटने-बढ़ने से इस बार पांच दिवसीय दीपावली (Deepawali 2022) पर्व को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। धर्मशास्त्रियों के अनुसार इस बार तिथि परिवर्तन से सांधिकाल में पांच दिनों के पांच पर्व मनाए जाएंगे।
इस बार धनतेरस 22 अक्टूबर को है। भगवान धन्वंतरि का प्राकट्योत्सव 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। रूप चतुर्दशी 24 अक्टूबर को सुबह और प्रदोष काल में शाम के समय दीपावली मनायी जाएगी। दीपावली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है । 26 अक्टूबर को सुहाग पड़वा मनाया जाएगा। भाई दूज का पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार पंचांग की गणना और तारीखों के बढ़ते क्रम के साथ तिथियों की संधि में दीपोत्सव का पर्व मनाया जाएगा। क्योंकि जब भी कोई विशेष पूजा तिथि होती है तो वह पहली तिथि के बाद सूर्योदय के उदय से अंत तक स्पर्श करती है, तो दूसरी तिथि को स्पर्श करने के कारण इसकी मान्यता प्रबल हो जाती है।
किस तिथि को कौन सा पर्व मनाया जाएगा
- इसी क्रम में प्रदोष काल में शनिवार की 22 तारीख को धनतेरस मनाया जाएगा।
- 23 तारीख को भगवान धन्वंतरि का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा।
- 24 तारीख को प्रात: काल में ब्रह्म मुहूर्त में रूप चतुर्दशी
- 24 तारीख की शाम को प्रदोष काल में दीपावली मनाई जाएगी।
- 25 तारीख को प्रात: स्नान के समय अमावस्या होगी। शाम को सूर्य ग्रहण लगेगा।
- 26 अक्टूबर को सुहाग पड़वा पर गोवर्धन पूजा होगी।
- 27 अक्टूबर को भाई दूज मनाया जाएगा।
पं. डब्बावाला के अनुसार दीपोत्सव के इन पांच प्रमुख पर्वों पर माघ, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त और चित्रा नक्षत्र के साक्षी होंगे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सर्वार्थसिद्धि योग में आज रमा एकादशी
धार्मिक मान्यता के अनुसार दीपपर्व की शुरुआत कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी से मानी जाती है। ज्ञात हो कि माता लक्ष्मी का एक नाम राम भी है। इसलिए रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करके दीप पर्व की शुरुआत की जाती है। इस बार सर्वार्थसिद्धि योग के साथ रमा एकादशी आ रही है। इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। सनातन धर्म परंपरा में यदि कोई पर्व शुभ योग में प्रारंभ हो तो वह साधना, सिद्धि और फल के लिए खास माना गया है।यह भी पढ़ें - Dhanteras 2022: घर में समृद्धि चाहते हैं तो धनतेरस पर न खरीदें प्लास्टिक के बर्तन, डाक्टरों ने भी की अपील Dhanteras 2022: दो दिन मनायी जाएगी धनतेरस, पांच राशियों का मिलेगा लाभ ही लाभ