'मेरे पोते जैसे हो, अभी से ऐसे भाषण मत दो'; शिवराज सिंह चौहान के बेटे को दिग्विजय सिंह की नसीहत
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को संयमपूर्ण भाषण देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अभी से ऐसे भाषण मत दो। मैंने कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है। इस मामले में आप अपने पिता से सीख सकते हैं। यह मेरी राय है। आप मानें या ना मानें।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर आगामी महीने में उपचुनाव हैं। इनमें से एक सीट बुधनी और दूसरी विजयपुर है। विदिशा से शिवराज सिंह चौहान के सांसद बनने के बाद बुधनी सीट खाली हुई है। यह सीट भाजपा का गढ़ है। यही वजह है कि भाजपा ने यहां अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। भाजपा ने रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है। वह आज यानी शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे
बुधनी शिवराज सिंह चौहान का सबसे मजबूत किला है। पिता के अभेद दुर्ग में प्रचार की कमान शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान ने संभाली है। मगर उनका एक भाषण और उस पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया की खूब चर्चा है।
क्या कहा कार्तिकेय ने?
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने प्रचार के दौरान कहा कि अगर बुधनी विधानसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी जीत गया तो एक भी ईंट नहीं लगेगी। उन्होंने कहा, "अगर 19-20 हुआ तो किसका नुकसान होगा? अपने पैरों पर हम कुल्हाड़ी क्यों मारें? अपनी पोलिंग में गड़बड़ी करके हम क्यों अपनी इज्जत खराब करें? क्या हमको सीएम और मुख्यमंत्री के पास काम कराने नहीं जाना है। बताइये सरपंच जी, कैसे कराएंगे आप काम? अगर 19-20 हुआ तो नेताओं के पास काम कराने कौन सी सड़क लेकर जाओगे। अगर गलती से कांग्रेस विधायक जीत जाता है तो एक भी ईंट किसी के गांव में नहीं लगने वाली है।"(लोगों को संबोधित करते कार्तिकेय। फोटो- सोशल मीडिया)
ना सरपंच हो ना विधायक, ऐसा भाषण मत दो
कार्तिकेय के इस भाषण पर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा कि कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता शिवराज सिंह से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा हूं। मगर मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी इस्तेमाल नहीं किया। आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज कानून में निर्माण काम करने की जिम्मेदारी सरपंच की होती है ना कि विधायक की। आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान है। यह मेरी राय है। आप मानें या ना मानें, आप जानें। जय सिया राम।
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