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MP School Education: मध्‍य प्रदेश में अब हर तीन माह में जिलेवार जारी होगा शिक्षा रिपोर्ट कार्ड

MP School Education मुख्यमंत्री शिवराज ने जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया था। इसे लेकर अब राज्‍य में हर तीन माह में शिक्षा रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा। इसे सभी जिला परियोजना अधिकारियों के साथ-साथ जिला कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों के बीच साझा किया जाएगा।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 15 Sep 2022 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 08:40 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश में अब हर तीन माह में शिक्षा रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा।

भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। बीते वर्ष यानी सत्र 2021-22 के लिए वार्षिक जिला शिक्षा रिपोर्ट कार्ड जारी हुआ था, परंतु अब हर तीन माह में शिक्षा रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा। इसका पालन करते हुए सत्र 2022-23 के लिए पहली तिमाही का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया गया है, जो गुरुवार को जारी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सत्र 2022-23 की पहली तिमाही के लिए जिलों की रैंकिंग राज्य शिक्षा केंद्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिलों में किए जा रहे कार्यों के आधार पर तय की जाएगी। जून, जुलाई और अगस्त 2022 के महीने में पूरे किए गए प्रत्येक कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर प्रदान किए जाएंगे।

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज ने जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया था। सभी जिला परियोजना अधिकारियों के साथ-साथ जिला कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों के बीच यह रिपोर्ट साझा की जाएगी।

एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना पैदा करने के लिए नई प्रणाली

राज्य शिक्षा केंद्र निदेशक धनराजू एस ने कहा कि प्राथमिकता एवं गणना प्रणाली के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में प्रदर्शन के आधार पर 15 सितम्‍बर 2022 प्रदेश के सभी 52 जिलों की रैंकिंग मध्यप्रदेश शिक्षा पर जारी की जाएगी।

सभी जिलों के कलेक्टरों से सुधारात्मक सुझाव भी इस पर प्राप्त होंगे। इस प्रणाली को कार्य की गुणवत्ता और समय पर निष्पादन के साथ-साथ जिलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने की दृष्टि से लागू किया गया है। इस नई व्यवस्था में राज्य शिक्षा केंद्र के तहत आने वाले सभी जिला शिक्षा केंद्रों और डाइट और शिक्षा महाविद्यालय जैसे प्रशिक्षण संस्थानों के कार्यों का परिक्षण होगा और उनके अंकों के आधार पर सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कार्यों के आधार पर तैयार होगी रिपोर्ट व रैंकिंग

रिपोर्ट में कई कार्य बिंदुओं को प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया गया है, जिसमें किए गए कार्यों को सामने रखते हुए जिलों की रिपोर्ट और रैंकिंग तैयार की जाएगी। इन कार्यों को मुख्य रूप से छह मुख्य भागों में बच्चों के

नामांकन और प्रतिधारण, गुणवत्ता शैक्षणिक उपलब्धियों, शिक्षकों के व्यावसायिक विकास, इक्विटी, बुनियादी ढांचे और भौतिक सुविधाओं और सुशासन प्रक्रियाओं आदि पर विभाजित किया गया है, जिसमें कुल 32 सूचकांक शामिल हैं। इनमें समय-समय पर प्रत्येक तिमाही की प्राथमिकता के अनुसार परिवर्तन किया जाएगा।

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