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Ujjain Mahakal Temple: महाकाल की भस्म आरती के चलायमान दर्शन की प्रायोगिक व्यवस्था शुरू, पांच हजार भक्तों ने किए दर्शन

Ujjain Mahakal Temple मप्र में उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार को भस्म आरती के चलायमान दर्शन की प्रायोगिक व्यवस्था शुरू हुई। एक सप्ताह तक चलने वाली इस व्यवस्था के पहले दिन करीब पांच हजार भक्तों ने भस्म आरती के दर्शन किए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Mon, 13 Jun 2022 08:34 PM (IST)
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महाकाल की भस्म आरती के चलायमान दर्शन की प्रायोगिक व्यवस्था शुरू, पांच हजार भक्तों ने किए दर्शन

उज्जैन, जेएनएन। Ujjain Mahakal Temple: मध्य प्रदेश में उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार को भस्म आरती के चलायमान दर्शन की प्रायोगिक व्यवस्था शुरू हुई। एक सप्ताह तक चलने वाली इस व्यवस्था के पहले दिन करीब पांच हजार भक्तों ने भस्म आरती के दर्शन किए। इसके बाद दर्शनार्थी, पुजारी, पुरोहित तथा कर्मचारियों की आकलन रिपोर्ट के आधार पर इसे आगे लागू रखने पर निर्णय होगा।

भगवान महाकाल की भस्म आरती

उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन तड़के चार बजे भगवान महाकाल की भस्म आरती होती है। मंदिर समिति प्रतिदिन करीब 1700 भक्तों को 200 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क पर भस्म आरती दर्शन की अनुमति प्रदान करती है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में दर्शनार्थी बिना पंजीयन कराए लौट जाते हैं। मंदिर समिति ने बिना पंजीयन वाले दर्शनार्थियों के लिए ही चलायमान दर्शन व्यवस्था लागू की है।

भस्म आरती की झलक पाकर खुश हुए भक्त

पहले दिन दर्शनार्थियों को फैसिलिटी सेंटर स्थित वीआइपी द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया गया। यहां से दर्शनार्थी कार्तिकेय मंडपम की आखिरी पंक्ति से दर्शन करते बाहर निकले। भस्म आरती की एक झलक पाकर भक्त खुश नजर आए।

उधर, चलायमान व्यवस्था से कुछ दर्शनार्थी नाखुश भी नजर आए। उनका कहना था कि व्यवस्था अच्छी है, लेकिन इससे आरती के दर्शन नहीं हो पाते हैं। जो दर्शनार्थी आरती के जिस चरण में भगवान के सामने से गुजरता है, केवल उसी भाग के दर्शन होते हैं। 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में रविवार शाम हुई तेज बारिश से ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के नंदी मंडपम में पानी भर गया। बताया जाता है कि बारिश से परिसर की नालियां ओवरफ्लो हो गई थीं। तेजी से पानी की निकासी नहीं होने से नंदी मंडपम के पालकी चौक में परिसर का पानी प्रवेश कर गया। पानी का प्रवाह तेज होने से पालकी चौक से होते हुए पानी नंदी मंडपम तक पहुंच गया। मंदिर प्रशासन ने ताबड़तोड़ सफाई कर्मचारियों को बुलाकर पानी की निकासी सुनिश्चित कराई तथा नंदी मंडपम को साफ किया।