Madhya Pradesh: आइपीएस बेटे की मौत की जांच सीबीआइ से कराने के लिए पिता ने मप्र हाई कोर्ट में लगाई याचिका
Madhya Pradesh मप्र में शिवपुरी के राकेश शर्मा ने अपने आइपीएस अधिकारी बेटे अभिषेक शर्मा की मौत के कारणों की जांच सीबीआइ से कराने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका लगाई है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2022 04:33 PM (IST)
ग्वालियर, बलवीर सिंह। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहने वाले राकेश शर्मा ने अपने आइपीएस अधिकारी बेटे अभिषेक शर्मा की मौत के कारणों की जांच सीबीआइ से कराने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाई है। राकेश शर्मा का कहना है कि मार्च, 2022 में शिवपुरी से ग्वालियर के रास्ते में अभिषेक की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि घाटीगांव के पास सड़क हादसे में उसकी मौत हुई। उन्हें इस बात की सूचना भी पोस्टमार्टम के बाद दी गई। पुलिस ने इसे एक साधारण दुर्घटना बताया। बेटे की गाड़ी किस वाहन से टकराई व मौत के कारणों का पता नहीं लगाया।
कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट राकेश के अनुसार बेटे के निधन के बाद पता चला कि अभिषेक एनआइए की साइबर शाखा में पदस्थ थे। उन्होंने कई देशों में गुप्त आपरेशन में हिस्सा लिया था। उन्हें आशंका है कि अभिषेक की मौत सामान्य नहीं है और उसकी हत्या की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर पुलिस से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में बताया गया कि अभिषेक ने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। मार्च, 2022 में वे छुट्टी पर शिवपुरी आए थे। 22 मार्च को शिवपुरी से ग्वालियर आते समय वे सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए।
पिता का आरोप, पुलिस ने नहीं दिखाई जांच में गंभीरताराकेश शर्मा का आरोप है कि जब पुलिस ने जांच में गंभीरता नहीं दिखाई तो उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। राकेश शर्मा का कहना है कि उनका बेटा ऐसे दस्तावेज छोड़ गया है, जो देश के लिए काफी अहम हैं इसलिए उसकी मौत के कारणों की जांच सीबीआइ को सौंपी जाए। याचिका में प्रमुख सचिव, गृह विभाग भारत सरकार, एनआइए के निदेशक, पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर और थाना प्रभारी घाटीगांव को प्रतिवादी बनाया गया है।
अलग-अलग एजेंसियों में दी सेवाएं अभिषेक शर्मा सात अगस्त, 2012 को भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। प्रशिक्षण के बाद 15 सितंबर, 2014 को उन्हें आतंकवाद निरोधी दस्ते में पदस्थापना मिली। यहां उन्होंने 25 जनवरी, 2015 तक काम किया। 14 जुलाई, 2015 तक उन्होंने विशेष अपराध शाखा में सेवाएं दीं। 19 अगस्त, 2015 से 20 मार्च, 2016 तक उन्होंने एनआइए की साइबर सेल में काम किया। इस दौरान अभिषेक ने इजरायल और पड़ोसी देशों में कई गुप्तचर आपरेशनों में हिस्सा लिया।
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