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MP News: ग्वालियर की पांच साल की परिजा खान ने सबसे कम उम्र में दुनिया के सबसे अधिक देश घूमने का बनाया रिकार्ड

परिजा ने साढ़े पांच साल की उम्र में 44 देशों की यात्रा इसलिए की क्योंकि उसका परिवार काफी छोटा है। परिजा के दादा व दादी काफी वृद्ध हैं। ऐसे में उसके पिता की अपनी मर्चेंट नेवी की नौकरी के दौरान पत्नी व उसे अपने साथ रखना पड़ा।

By Priti JhaEdited By: Updated: Sun, 31 Jul 2022 02:40 PM (IST)
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5 साल की परिजा ने घूम लिए 44 देशों के 110 शहर, इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम
ग्वालियर, जागरण ऑनलाइन डेस्क। ग्वालियर की एक नामचीन टाउनशिप में रहने वाली साढ़े पांच साल की परिजा खान ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में सबसे कम उम्र में दुनिया के सबसे अधिक देश घूमने का रिकार्ड बनाया है। मालूम हो कि परिजा ने अब तक दुनिया के 44 देशों के 110 शहरों की सैर की है ।

इंडिया बुक आफ रिकार्ड

मालूम हो कि परिजा खान के पिता कैप्टन शाहिद रजा खान मर्चेंट नेवी में हैं, परिवार में सिर्फ बूढे माता पिता हैं इसलिए वे पत्नी सायमा और बेटी परिजा को अपनी ड्यूटी के दौरान साथ रखते थे। इसी कारण परिजा ने दुनिया के 44 देशों के 110 शहरों की सैर की। इसके साथ ही परिजा ने 21 महीनों की समुद्री यात्रा में सात महासागरों अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, भूमध्य सागर, ताइवान सागर, पीला सागर एवं पनामा नहर को घूमा है। परिजा को पिछले माह की इंडिया बुक आफ रिकार्ड ने एप्रीशिएशन सर्टिफिकेट प्रदान किया है।

सातों समुंदरों की यात्रा 21 महीनों में की

जानकारी हो कि अपनी यात्रा के दौरान परिजा खान ने अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, भूमध्य सागर, ताइवान सागर, पीला सागर एवं पनामा नहर को पार किया है। परिजा खान ने अपनी छोटी सी उम्र में 44 देशों व 110 शहरों की यात्रा तो की ही है। साथ ही सातों समुद्रों की यात्रा भी की है।

तो यह है यात्रा का कारण :

जानकारी के अनुसार परिजा ने साढ़े पांच साल की उम्र में 44 देशों की यात्रा इसलिए की, क्योंकि उसका परिवार काफी छोटा है। परिजा के दादा व दादी काफी वृद्ध हैं। ऐसे में उसके पिता की अपनी मर्चेंट नेवी की नौकरी के दौरान पत्नी व उसे अपने साथ रखना पड़ा। इस दौरान परिजा की इन देशों में यात्रा हो गई।

अब होगी यात्रा पर रोक :

मालूम हो कि चूंकि परिजा अब साढ़े पांच साल की हो गई और छह साल की होने वाली है। इसलिए उसका स्कूल में प्रवेश होना है। स्कूल में प्रवेश लेने के बाद परिजा की यात्रा का दौर थम जाएगा। क्योंकि स्कूल में प्रवेश के बाद उसके पिता उसे अपने साथ शिप पर नहीं रख सकते।

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