Madhya Pradesh: हबीबगंज स्टेशन का नाम रेलवे वेबसाइट पर रानी कमलापति दर्ज करना भूला, यात्री परेशान
Madhya Pradesh रेलवे की अधिकृत वेबसाइट पर अब भी हबीबगंज ही दर्ज है। इससे यात्रियों को आनलाइन पूछताछ करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन की वेबसाइट पर स्टेशन का नाम रानी कमलापति दर्ज हो चुका है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sun, 05 Dec 2021 08:52 PM (IST)
भोपाल, जेएनए। रेलवे ने 14 नवंबर को अधिसूचना जारी कर मध्य प्रदेश में भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति कर दिया था। इसके साथ ही वाणिज्य विभाग को रेलवे के सिस्टम पर स्टेशन का नाम बदलने व एचबीजे के स्थान पर आरकेएमपी कोड संशोधित करने के निर्देश भी दे दिए थे। 22 दिनों बाद भी इस निर्देश का पालन नहीं हुआ है। रेलवे की अधिकृत वेबसाइट (इंडियनरेल डाट जीओवी डाट इन) पर अब भी हबीबगंज ही दर्ज है। इससे यात्रियों को आनलाइन पूछताछ करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीइएस) और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर स्टेशन का नाम रानी कमलापति दर्ज हो चुका है।
इंडियन रेल डाट जीओवी डाट इन पर यात्री ट्रेनों के बारे में आनलाइन पूछताछ करते हैं। यह साइट खाली बर्थ की स्थिति, एक से दूसरे स्टेशन के बीच चलने वाली ट्रेनों की संख्या, उनके नाम, उनके चलने के दिन व तारीखों को बताती है। इस साइट पर रिजर्व्ड ट्रेन बिटविन स्टेशन और सीट अवेलेबिलिटी जैसे विकल्प भी हैं। यात्री जब दोनों ही विकल्पों पर जाकर पूछताछ करते हैं तो रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नाम नहीं आ रहा है। जैसे ही यात्री हबीबगंज स्टेशन डालते हैं तो पूछी गई जानकारी प्रदर्शित होने लगती है। उल्लेखनीय है कि रानी कमलापति 1700 से 1720 के बीच भोपाल (तब भोजपाल) रियासत की अंतिम गोंड शासक थीं। बिरसा मुंडा की जन्मतिथि (राष्ट्रीय गौरव दिवस) पर 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वस्तरीय रानी कमलापति स्टेशन का लोकार्पण किया था।
साइट अपडेट नहीं करने से यात्रियों में भ्रम की स्थिति है। रेलवे को अपनी साइट पर नया नाम जोड़ना चाहिए।
- निरंजन वाधवानी, सदस्य मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति, भोपाल।
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