MP Election 2023: पूर्व डकैत मलखान सिंह कांग्रेस में शामिल, 'पहले अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई, अब बिगुल बजाया;
Bhopal Chunav कभी चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय रहे पूर्व दस्यु मलखान सिंह ने बुधवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया और टिकट नहीं मिलने पर 2019 में पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि पहले अन्याय के विरुद्ध बंदूक उठाई थी और आज भी अन्याय के विरुद्ध बिगुल बजाया है।
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। कभी चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय रहे पूर्व दस्यु मलखान सिंह ने बुधवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली।
मलखान सिंह पहले भी कई राजनीतिक दलों के साथ रह चुके हैं। वह पूर्व में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। वहीं, निवाड़ी के संतोष शर्मा ने भी समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। मलखान सिंह ने 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया और टिकट नहीं मिलने पर 2019 में पार्टी छोड़ दी थी।
समाजवादी पार्टी लोहिया में शामिल हुए थे मलखान
इसके बाद वे उत्तर प्रदेश के शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) में शामिल हो गए थे और चुनाव भी लड़ा। उनकी पत्नी ललिता राजपूत गुना की सुगनयाई ग्राम पंचायत की सरपंच हैं। मलखान सिंह अनुसूचित जाति (एससी) से आते हैं। ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में राजनीतिक दलों के लिए ऐसे नेता एससी वोटों का ध्रुवीकरण करते रहे हैं। मलखान सिंह के मामले में भी इसी गणित ने काम किया है।
वे क्षत्रिय खंगार महासभा से भी जुड़े रहे हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने कहा कि पहले अन्याय के विरुद्ध बंदूक उठाई थी और आज भी अन्याय के विरुद्ध बिगुल बजाया है। भाजपा को सिद्धांत वाली पार्टी जानकर प्रचार किया था लेकिन आज सच से पर्दा उठ चुका है। इसलिए भाजपा को छोड़ दिया।
कमल नाथ को फिर मुख्यमंत्री बनाएंगे।
अब हम कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे और कमल नाथ को फिर मुख्यमंत्री बनाएंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि कांग्रेस हमेशा वंचित समुदाय के साथ खड़ी है। पूरे प्रदेश में क्या स्थिति है, यह किसी से छुपा नहीं है। मलखान सिंह को पार्टी में लाने के प्रश्न पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने कहा कि वे अपनी स्वैच्छा से आए हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में मेरे विरुद्ध प्रचार किया था।
वहीं, निवाड़ी के संतोष शर्मा ने भी समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ली। प्रदेश महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि शर्मा छतरपुर सहित अन्य जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी रह चुके हैं। उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
मध्य प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ कानून का राज
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिना किसी का नाम लिए ट्वीट किया कि एक वो दौर था, जब मध्य प्रदेश में डकैत और सरकार साथ-साथ थे लेकिन आज मध्य प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ कानून का राज है। ट्वीट के साथ एक वीडियो भी प्रसारित किया गया, जिसमें बताया गया कि एक दौर था, जब मध्य प्रदेश डर और आतंक के साये में था। गडरिया परिहार गैंग के साथ ही कई डकैत गिरोहों का आतंक हुआ करता था।
सिमी और नक्सलियों का नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा था। तब गुंडाराज के चलते न निवेश हो रहा था और न ही विकास लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। प्रदेश में सभी बड़े सूचीबद्ध गैंग का खात्मा हो चुका है। नक्सली मार गिराए गए। पीएफआइ की कमर तोड़ दी गई।
आतंकी सलाखों के पीछे हैं। हर प्रकार के माफिया और दंबगों को कुचलने की कार्रवाई हुई। इतना ही नहीं मां-बहन और बेटियों को जिसने भी गलत नजर से देखा या परेशान किया, उनके घर पर बुलडोजर भी चला। वहीं, बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले 40 से अधिक दोषियों को मृत्यु दंड की सजा भी मिली है।