Damoh: शिशु गृह में मुसलमान बनाकर रखे गए हिंदू बच्चों को भेजा गया घर, ऐसे हुआ सच्चाई का खुलासा
कोरोना काल में अपने घरवालों से बिछड़े बच्चों को गौहरगंज के एक शिशु गृह में मुसलमान बनाकर रखा गया था। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो जब यहां का निरीक्षण करने पहुंचे तो सच्चाई सामने आई।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 17 Nov 2022 11:38 AM (IST)
दमोह, जागरण आनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन जिले (Raisen) के गौहरगंज (Gauharganj) में अपने माता-पिता से बिछड़े दमोह के तीन बच्चों को एक बाल गृह में रखा गया था, जहां इनका परिचय बदलकर इन्हें नया मुस्लिम नाम दिया गया था। इन बच्चों के पिता ने इन्हें ढूंढ़ने के काफी प्रयास किए, लेकिन जब आखिरकार उन्हें उस संस्था के बारे में पता चला जहां उनके बच्चे रह रहे थे, तो उन्होंने तुरंत संपर्क किया, लेकिन संस्था ने बच्चों को देने से मना कर दिया।
हिंदू बच्चों की बदली गई नाम, धर्म, जाति
इस बीच बीते शनिवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (Priyank Kanungo) शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान शिशु गृह के संचालक द्वारा तीन हिंदू बच्चों के नाम व धर्म बदलकर नया नाम और नई जाति के आधार पर दस्तावेज बनवा लेने का मामला उनके सामने आया। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तीनों बच्चों को उनके पिता के सुपुर्द कराया।
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आखिरकार हुई बच्चों की घर वापसी
इसी क्रम में तीनों बच्चों बुधवार की रात दमोह पहुंचे। यहां मौजूद बजरंग दल (Bajrang Dal) के कार्यकर्ताओं ने शिव मंदिर में पूरे हिंदू रीति रिवाज से इन बच्चों की वापसी कराई। मालूम हो कि साल 2020 में कोरोना महामारी के समय में लॉकडाउन के दौरान भोपाल (Bhopal) के मंडीदीप में गार्ड की नौकरी करने वाले पिता से तीनों बच्चे बिछड़ गए थे। बाद में उन्हें रायसेन के गौहरगंज में गोदी शिशु गृह (Godi Sishu Griha) रखा गया था।
मुस्लिम नामों पर बनाए गए बच्चों के आधार कार्ड
यहां पर बच्चों के नाम बदलकर शाहरुख, सुहाना और रुकसाना रख दिए गए। इतना ही नहीं, इनके आधार कार्ड भी इसी नाम से बनवा दिए गए। जबकि जब इस शिशु गृह में बच्चे पहुंचे थे तो इनके नाम हिंदू थे, लेकिन शिशु गृह में पहुंचते ही वहां के संचालक हसीन परवेज ने इनके नाम बदल दिए।शिशु गृह के संचाल को बनाया गया आरोपी
बाद में जांच हुई तो खुलासा हुआ कि इन बच्चों के माता-पिता हिंदू हैं और इन्हें मुस्लिम बना दिया गया है और आधार कार्ड भी मुस्लिम नाम से बनवा दिया गया है। इस मामले की शिकायत बच्चों के पिता ने अध्यक्ष से की थी। उनके शिशु गृह में पहुंचने पर सच्चाई सामने आई, तो आयोग के निर्देश पर हसीन परवेज को आरोपी बनाया गया और बच्चों की रिहाई कराई गई।
इन तीन बच्चों में दो बहन और एक भाई है, जिनकी उम्र क्रमश: चार, छह और आठ साल हैं। बच्चों को वापसी का प्रयास करने वाले दयालु ठाकुर नामक एक शख्स ने बताया कि तीनों बच्चों के पिता हैं लेकिन मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। फिलहाल इन तीनों बच्चों को उनके पिता के साथ भेज दिया गया है।यहां पढ़ें पूरी खबर-Raisen News: शिशु गृह में हिंदू बच्चों की बदली गई जाति, मुसलमान बनाकर कराया गया स्कूल में एडमिशन
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