'मंदिर नहीं, मस्जिद है', बीजामंडल में हिंदुओं को नहीं मिली पूजा करने की अनुमति; ASI ने बताई वजह
Vidisha News मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित 11वीं सदी के बीजामंडल में हिंदू समाज को नागपंचमी के दौरान पूजा करने की इजाजत नहीं मिली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अधिसूचना का हवाला देते हुए इसमें पूजा करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया और कहा कि यह मस्जिद है मंदिर नहीं। जानिए क्या है पूरा मामला।
पीटीआई, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की अधिसूचना का हवाला देते हुए शुक्रवार को नागपंचमी के मौके पर हिन्दुओं के पूजा करने के लिए 11वीं सदी के बीजामंडल को खोलने से इनकार कर दिया है।
हिंदुओं के एक समूह ने जिलाधिकारी बुद्धेश कुमार वैद्य को शहर के बीचों-बीच स्थित इस स्थल को नागपंचमी पर खोलने के लिए ज्ञापन सौंपा था। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। जिलाधिकारी ने उनकी याचिका एएसआई को भेज दी, जिसने 1951 की गजट अधिसूचना का दो अगस्त को हवाला देते हुए कहा कि बीजामंडल मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद है।
एएसआई है ढांचे का संरक्षक
जिलाधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि एएसआई इस ढांचे का संरक्षक है, इसलिए उन्होंने मामले पर निर्णय लेने के लिए ज्ञापन उसे भेजा था। ज्ञापन सौंपने वाले हिंदू समूह के नेता शुभम वर्मा ने निराशा व्यक्त करते हुए एजेंसी से कहा, 'हम पिछले 30 साल से नागपंचमी पर वहां (ढांचे के बाहर) पूजा करते आ रहे हैं, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि यह मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद है।'वर्मा ने जिलाधिकारी के पत्र और एएसआई की गजट अधिसूचना को दिखाते हुए कहा कि एएसआई द्वारा इसे मस्जिद बताए जाने से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
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