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'गूगल देखकर सड़क का डीपीआर बना देते हैं अधिकारी', गडकरी बोले- 2047 तक अमेरिका से भी बेहतर होंगी भारत की सड़कें

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जिस तरह हम नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं उससे वर्ष 2047 तक भारत की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर होंगी। मंत्री ने कहा कि दो पैसे अधिक ले लो पर काम तो सही करो। प्रोजेक्ट इंजीनियर भी डीपीआर बनने के पहले साइट पर नहीं जाते कि कहां मंदिर-मस्जिद पड़ रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 20 Oct 2024 05:45 AM (IST)
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गडकरी ने कंसल्टेंट पर किया व्यंग्य, कहा - घर में बैठ गूगल देखकर बना देते हैं डीपीआर

 राज्य ब्यूरो,  भोपाल। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जिस तरह हम नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, उससे वर्ष 2047 तक भारत की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर होंगी। उन्होंने दुर्घटना मुक्त सड़क बनाने पर जोर देते कहा कि इंजीनियरिंग में खामियों की वजह से हादसे नहीं होने चाहिए। देश में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख 70 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं। इससे जीडीपी में तीन प्रतिशत का नुकसान हो रहा है।

नितिन गडकरी ने इजीनियरों पर कसा तंज

गडकरी सड़क एवं पुल निर्माण में नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों पर भोपाल में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने वाले कंसल्टेंट पर व्यंग्य करते कहा कि वे तो घर में बैठ गूगल देखकर ही डीपीआर बना देते हैं। इन्हें तो पद्मश्री और पद्मभूषण देना चाहिए।

सड़क दुर्घटनाओं से मौतों की संख्या पर भी चिंता व्यक्त की

मंत्री ने कहा कि दो पैसे अधिक ले लो, पर काम तो सही करो। प्रोजेक्ट इंजीनियर भी डीपीआर बनने के पहले साइट पर नहीं जाते कि कहां मंदिर-मस्जिद पड़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने देश में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों की संख्या पर भी चिंता व्यक्त की। मध्य प्रदेश सरकार को सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों से डीपीआर चेक करानी चाहिए। मौके पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी मौजूद रहे।

गडकरी ने दिवंगत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि अमेरिकी सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है, बल्कि अमेरिका इसलिए अमीर है क्योंकि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं। आगे गडकरी ने कहा कि और आप सभी के समर्थन से मैं वह सपना देख रहा हूं कि आने वाले समय में भारतीय सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका से बेहतर होगा।

कचरे से हो सड़क निर्माण

गडकरी ने मध्य प्रदेश के नगर निकायों से कचरे को उचित तरीके से अलग करने और इसका उपयोग सड़क निर्माण में करने के लिए भी कहा और बोले कि मेरा अनुरोध है कि यदि सड़क निर्माण के लिए समग्र निर्माण सामग्री] उपलब्ध नहीं है, तो शहरों को कचरे को उचित रूप से अलग करना चाहिए और सड़क निर्माण के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। अब तक हम 80 लाख टन कूड़े का उपयोग सड़कों के लिए कर चुके हैं। इससे दिल्ली में गाजीपुर लैंडफिल साइट की ऊंचाई सात मीटर कम हो गई है।

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