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MP: जो घर बैठ गईं थीं; क्रिकेट मैदान में पहुंचने लगीं वो बेटियां, भारतीय टीम का हिस्सा बनीं पूजा से ली प्रेरणा

पूजा वस्त्राकर के पिता बंधनराम वस्त्राकर का कहना है कि अपने बच्चों को आगे बढ़ते हुए देखकर ऐसा कौन सा पिता है जो खुश नहीं होगा। मेरी बेटी पूजा ने आज मुझे अपना सिर गर्व से ऊंचा करने का अवसर प्रदान किया है।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 11 Mar 2023 01:35 AM (IST)
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क्रिकेट मैदान में पहुंचने लगीं बेटियां, भारतीय टीम का हिस्सा बनीं पूजा से ली प्रेरणा

रवींद्र वैद्य, शहडोल। जो लड़कियां क्रिकेट का मैदान छोड़कर घर पर बैठ गई थीं, वह भी आज मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की क्रिकेटर पूजा वस्त्राकर से प्रेरित होकर क्रिकेट मैदान में वापस लौट आई हैं।

पूजा आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आलराउंडर हैं। पूजा को अभी हाल ही में मुंबई इंडियंस ने महिला आइपीएल मैच के लिए एक करोड़ 90 लाख रुपये में अनुबंधित किया है।

यह न केवल पूजा के लिए, बल्कि शहडोल और पूरे मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात है। शहडोल की जिन पतली गलियों में पूजा बचपन में लकड़ी के पट्टे से क्रिकेट खेलती थीं, आज उसी पूजा की दीवानगी छाई हुई है।

पूजा से प्रेरणा लेकर आज शहडोल जिले की तमाम लड़कियां शिवपुरी की महिला क्रिकेट अकेडमी में खेल की बारीकी सीख रही हैं। इतना ही नहीं, शहडोल के महात्मा गांधी स्टेडियम में सुबह और शाम दोनों वक्त लड़कियां अभ्यास करने पहुंचती हैं।

पिता को याद है वह दिन जब कार की थी गिफ्ट

पूजा के पिता बंधनराम वस्त्राकर का कहना है कि अपने बच्चों को आगे बढ़ते हुए देखकर ऐसा कौन सा पिता है, जो खुश नहीं होगा। मेरी बेटी पूजा ने आज मुझे अपना सिर गर्व से ऊंचा करने का अवसर प्रदान किया है।

वह मेरी बेटी नहीं; बेटे जैसी है। उसने अपनी मां का सपना पूरा किया है। आज उसकी मां दुनिया में नहीं है, पर उसकी जगह आज मैं अपनी बेटी को जब देश-विदेश में क्रिकेट खेलते हुए टीवी पर देखता हूं, तो जो खुशी होती है; वह बयां नहीं कर सकता हूं।

आंखों में आंसू भरकर वह कहते हैं कि पूजा मुझे बहुत प्यार करती है। घर में भाई-बहनों में सबसे छोटी होने के कारण उसके प्रति सभी का स्नेह है।

मैं अक्सर बीमार रहता हूं तो उसने एक साल पहले मेरे जन्मदिन पर कार खरीद कर दी और अपनी बहनों से कहा था कि जब पापा बीमार हों तो डॉक्टर के पास इसमें बैठाकर ले जाया करो।

कोच ने कहा- बहुत मेहनती है पूजा

क्रिकेटर पूजा के कोच आशुतोष श्रीवास्तव का कहना है कि मैं उसे शुरूआत से जानता हूं, वह मेहनती लड़की है। अपने काम के प्रति जुनून रखती है। उसे घुटने में चोट लगी थी।

परंतु उसने जल्दी से अपनी पूरी ताकत से इस चोट से उबरकर फिर से मैदान में अपना बेस्ट परफार्मेंस दिखाया, इससे लगता है कि पूजा क्रिकेट के लिए ही बनी है।

श्रीवास्तव ने कहा कि मुंबई इंडियंस ने उसे 1.90 करोड़ में अनुबंधित कर यह सिद्ध कर दिया कि पूजा के खेल में वाकई दम है। पूजा से प्रेरित होकर अब मैदान में लड़कियां क्रिकेट का अभ्यास करने पहुंचने लगी हैं।

बहनों ने कहा- 'छोटी' ने बड़ा काम किया

पूजा की बड़ी बहन और एथलेटिक्स में स्थापित नाम ऊषा वस्त्राकर का कहना है कि पूजा घर में हम सबसे छोटी है, पर उसने काम बड़ा कर दिखाया है।

ऊषा का कहना है कि कोरोना के समय में भी उसने घर पर रहकर भी अभ्यास बंद नहीं किया। घर की छत पर नेट लगाकर अभ्यास करती थी और भरा गैस सिलेंडर उठाकर शारीरिक फिटनेस को मजबूत करती थी।

वहीं, बहन निशा वस्त्रकार का कहना है कि पूजा जब आती है तो हमको अब गर्व का अनुभव होता है। जब पूजा को अनुबंधित करने के लिए बोली लग रही थी, तब पूरा घर टीवी के सामने बैठा रहा और जब उसे एक करोड़ 90 लाख में मुंबई इंडियंस ने अनुबंधित किया तो पापा तो खुशी से रो ही पड़े थे।

पूनम बोलीं- सबको प्यार करने वाली लड़की है पूजा

एमपीसीए की ओर से एमपी की महिला टीम से खेलने वाली क्रिकेटर पूनम सोनी का कहना है कि पूजा दीदी में घमंड नाम मात्र का नहीं है। वह अपने जूनियर खिलाड़ियों से आज भी प्यार से बात करती हैं।

जब भी वह महात्मा गांधी स्टेडियम आती हैं तो उनका सभी के प्रति रवैया व व्यवहार आज भी नहीं बदला है। पूनम का कहना है कि मैं उनको अपना आदर्श मानती हूं और एक दिन उनकी ही तरह बनकर दिखाऊंगी।

मैं भी पूजा बनूंगी...

पूजा वस्त्राकर से प्रभावित होकर अब शहडोल ही नहीं; बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के क्रिकेट मैदानों में लड़कियां नजर आने लगी हैं। वे भी अपना करियर क्रिकेट में देखने लगी हैं।

महात्मा गांधी स्टेडियम में जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर जयसिंहनगर से प्रतिदिन अभ्यास करने आने वाली आस्था तिवारी का कहना है कि मैं पूजा दीदी से अब तक मिली तो नहीं हूं, पर उनको खेलते हुए देखकर उनको अपना आदर्श मानने लगी हूं।

उन्होंने जिस तरह से कड़ी मेहनत करते हुए जो यह मुकाम पाया है, वह मेरी प्रेरणा बन गया है। क्रिकेटर मुस्कान मिश्रा मुस्सी अब शिवपुरी महिला क्रिकेट अकेडमी में क्रिकेट की बारीकी सीख रही हैं।

उनका कहना है कि मैं पाली जिला उमरिया में रहती हूं और शहडोल स्टेडियम में पिछले चार साल से अभ्यास कर रही थी। मेरा चयन अकेडमी के लिए हुआ तो अब मैं यहां पर हूं। पूजा दीदी से मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।

मेरी बेटी भी पूजा बने...

क्रिकेट के गुर सीख रहीं आस्था के पिता गोविंदनारायण तिवारी का कहना है कि मेरी बेटी यदि क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहती है तो मेरा उसे पूरा सपोर्ट है। यह महंगा खेल है, लेकिन बेटी की खुशी के लिए मैं पीछे नहीं हटूंगा।

वहीं, एमपी क्रिकेट टीम की खिलाड़ी पूनम सोनी के बड़े भाई पवन सोनी का कहना है कि मेरी बहन पिछले सात साल से क्रिकेट खेल रही है। वह एमपी की महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा है। उसे आगे बढ़ता देखकर खुशी होती है।

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