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Indore Bank Robbery: बैंक में डकैती के बाद ई-रिक्शे वालों ने आरोपित को लूटा, सामने आई एक और नई कहानी

Indore Bank Robbery मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक में हुई डकैती में एक और खुलासा हुआ है। लूट के बाद जब आरोपी फरार हो रहा था तो इस दौरान ई-रिक्शे वालों ने भी आरोपी से पैसे लूटे। आरोपी नशे की हालत में था। पुलिस से बचने के लिए वह एक खेत में जाकर सो रहा था। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Fri, 19 Jul 2024 08:46 AM (IST)
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बैंक में लूट करने वाले आरोपी के साथ भी हुई लूट (फोटो- नई दुनिया)
जागरण ब्यूरो, इंदौर। Indore Bank Robbery: मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक से 6 लाख 64 हजार रुपये लूटने का मामला सामने आया था। इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि लूट करने वाला आरोपित अरुण सिंह शराब पीकर फरारी काट रहा था।

आरोपी से रिक्शे वालों ने की लूट

घटना के बाद आरोपित घर से तीन लाख रुपये लेकर भागा था, लेकिन पुलिस को सिर्फ 45 हजार रुपये मिले। पुलिस ने पकड़ा उस वक्त भी अरुण शराब के नशे में था। आरोपित जब ई-रिक्शा से जा रहा था, तो रिक्शे वाले ने भी उससे कुछ रुपये लूट लिए थे। पुलिस की टीम आज उसे इंदौर लाएगी।

डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक अरुणसिंह निवासी कालुआ तिलपुर बैंक लूटने के बाद झाबुआ टावर(ग्वालटोली) पहुंचा और संजय ट्रैवल्स की बस से आगरा गया। यहां से भी बस द्वारा शाहरा (मैनपुरी) में रहने वाली बहन सुषमा चौहान के घर गया।

गांव वालों ने की आरोपी की मदद

हालांकि इस बीच आरोपित को इंटरनेट मीडिया द्वारा पता चला गया था कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है। अरुण सुषमा के घर से चाय पीकर खेत पर चला गया। गांव वालों ने उसको कॉल कर बता दिया कि सुषमा के घर भी पुलिस आ गई है। अरुण सिंह मोबाइल बंद कर फरार हो गया।

शराब पीकर खेत में जाकर सो गया

पुलिस ने शाहरा, कालुआ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, उभई, रुई और एटा में छापा मारा। आरोपित एटा जिले के ग्राम खिरिया में मामा बैजनाथ सिंह के बेटे राजेश के घर आ गया था। आरोपित ने यहां भी शराब पी और खेत में जाकर सो गया। जब पुलिस आरोपी तक पहुंची तो वो नशे में मिला।

पुलिस को दे रहा था चकमा

अरुण सिंह के पास सिर्फ 45 हजार रुपये मिले। वह पुलिस को गुमराह कर रहा था। एसीपी कृष्णलाल चंदानी के अनुसार आरोपित का जीजा बीमार है, उसका डायलिसिस होता है। इसलिए उसके इलाज के लिए भी रुपये चाहिए थे।

सेना से बर्खास्त हुआ था अरूण सिंह

राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी इंदौर ने मामले को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि अरुण सिंह ने पूछताछ में बताया है कि 1996 में राजपूत रेजिमेंट (फतेहगढ़) में भर्ती हुआ था। बीच में नौकरी छोड़ी और 1999 में बिहार रेजिमेंट (जम्मू) में भर्ती हो गया। वर्ष 2006 में बर्खास्त होने के बाद आरोपित बच्चों को लेकर इंदौर आ गया। शुरुआत में यूनियन बैंक, एसबीआई, ओरियंटल बैंक और ज्वेलरी शोरूम में गार्ड बना। 

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