Indore News: ठगी गई तो लोगों को लगी ठगने, डेढ़ साल में 100 को बनाया शिकार, फर्जी SDM की करतूतें चौंकाने वाली
इंदौर के शिखर्जी नगर की रहने वाली नीलम अनिरुद्ध पाराशर को क्राइम ब्रांच ने फर्जी एसडीएम बनकर लाखों रुपये ठगने के मामले में गिरफ्तार किया है। नीलम ने पुलिस की जांच के दौरान अपने ठग बनने के पीछे की कहानी बताई तो पुलिस भी दंग रह गई।
By Umesh KumarEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 08:20 PM (IST)
इंदौर, जेएनएन। इंदौर में गिरफ्तार हुई फर्जी एसडीएम नीलम पाराशर (Fake SDM Neelam Parashar) पुलिस की पूछताछ में नए-नए राज खोल रही है। अब उसने ठग बनने के पीछे एक रोचक कहानी बताई है। नीलम पाराशर (Neelam Parashar) के अनुसार एक युवक ने उससे ठगी की थी। उस घटना के बाद से वो खुद ठग बन गई और ऐसी ठग बनी कि डेढ़ साल में 100 लोगों को ठग लिया।
इंदौर के शिखर्जी नगर की रहने वाली नीलम अनिरुद्ध पाराशर को क्राइम ब्रांच ने फर्जी एसडीएम बनकर लाखों रुपये ठगने के मामले में गिरफ्तार किया है। नीलम ने पुलिस की जांच के दौरान अपने ठग बनने के पीछे की कहानी बताई तो पुलिस भी दंग रह गई।
भाई की नौकरी के लिए दिए थे पैसे
नीलम से जब पूछताछ हुई तो बताया कि तीन साल पहले उसका मीनू सोनी से संपर्क हुआ था। उस वक्त मीनू ने माखन पटेल और भावेश सोनी से मिलवाया। नीलम ने अपने भाई ऋषिराज की नौकरी के संबंध में रुपये दिए, लेकिन आरोपितों ने उसके साथ धोखा कर दिया।बेरोजगारों को ठगना कर दिया शुरू
नीलम ने सोचा जब लोग प्राइवेट नौकरी में ही रुपये दे देते हैं तो सरकारी में क्यों नहीं दे सकते। इसके बाद उसने चोला बदला और खुद एसडीएम बनकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया। नीलम देपालपुर और राऊ क्षेत्र की एसडीएम बनकर बेरोजगार युवक युवतियों को निशाना बना रही थी।
राज्यपाल के बनाए थे फर्जी हस्ताक्षर
धीरे-धीरे नीलम इतनी शातिर हो गयी थी कि राज्यपाल मंगूभाई पटेल के जाली हस्ताक्षर कर नियुक्ति आदेश बनाए थे। इसके बाद कलेक्टोरेट, महिला बाल विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, आंगनवाड़ी, जिला पंचायत जैसे शासकीय विभागों में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने लगी।हूटर वाली कार में बैठ झाड़ती थी रौब
पुलिस ने बताया कि नीलम धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती है। वह एक प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती थी। अधिकारियों को झाड़ने के लिए एक निजी ड्राइवर और एक बंदूकधारी रखें और हूटर वाली कार में रौब झाड़ने लगी।
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