उज्जैन में 15 मासूमों को चढ़ायी गयी थी DNS की संक्रमित बोतलें, लैब रिपोर्ट से हुआ खुलासा
चरक भवन में भर्ती मासूम बच्चों को बोतल चढ़ाने के मामले में गंभीर लापरवाही सामने आयी है। जिला अस्पताल को आइवी फ्रूट्स (liquid sodium compound) की बोतलें सप्लाई की गईं। ये सभी संक्रमित बोतलें थीं। सभी बोतलों को चरक भवन के स्टोर में रखा गया था।
By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Wed, 09 Nov 2022 07:39 AM (IST)
उज्जैन, जागरण आनलाइन डेस्क। Ujjain News: सितंबर माह में चरक भवन में भर्ती मासूम बच्चों को डीएनएस बोतल चढ़ाने के मामले में गंभीर लापरवाही का पता चला है। बच्चों को बैक्टीरिया युक्त बोतले चढ़ाई गई थी। इस बात का खुलासा कोलकाता स्थित सेंट्रल लैब की रिपोर्ट से हुआ है।
अब दवा निरीक्षक दवा आपूर्ति करने वाली धार की कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी में है। हालांकि गनीमत ये रही थी कि उस दौरान किसी भी बच्चे को बोतलों की वजह से कोई गंभीर समस्या नहीं हुई थी।
कंपनी ने भेजी थी 15 हजार बोतलें
धार की कंपनी आइवीज द्वारा जिला अस्पताल को आइवी फ्रूट्स (liquid sodium compound) की बोतलें सप्लाई की गईं। कंपनी ने करीब 15,000 बोतलें भेजी थीं। सभी बोतलों को चरक भवन के स्टोर में रखा गया था, इसके बाद यहां से बच्चों के वार्ड में भेजा गया था।15 सितंबर को वार्ड में 10 से 15 बच्चों को जब ये बोतलें चढ़ायी गयी तो उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चों को कंपकंपी के साथ बुखार चढ़ गया। नर्सों ने डाक्टरों से इसकी शिकायत की। जिसके बाद बोतलों के पूरे बैच पर ही रोक लगा दी गयी। मामला सामने आते ही सिविल सर्जन डा.पीएन वर्मा ने ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाहा को इसकी सूचना दी और जांच के लिए बोतलों का सैंपल लेने को कहा।
कोलकाता में हुई सैंपल की जांच
ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाहा ने कहा कि बोतलों के सैंपल जांच के लिए स्टेट लैब भोपाल भेजने की बजाय सेंट्रल लैब कोलकाता भेजे गए। जहां से आई रिपोर्ट में बोतलों में बैक्टीरिया होने की पुष्टि हुई।
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