Itarsi News: ताकू प्रूफ रेंज में टेस्टिंग से पहले फटा बम, ठेका कर्मचारी का एक हाथ उड़ा, दूसरी हथेली झुलसी
केंद्रीय प्रूफ स्थापना (सीपीई) की सुरक्षा मोहर के बाद ही हथियार फाइनल होते हैं। यहां के-9 व्रज टी-90 टैंक धनुष सारंग जैसी गन का गुणवत्ता मानक परीक्षण होता है। पोखरण में उपयोग हुए पिनाका रॉकेट का परीक्षण भी इसी रेंज में हुआ है। नर्मदापुरम जिले के घने जंगल में सीपीई का प्रूफ रेंज है। विश्वस्तरीय आयुध परीक्षण सुविधाओं से लैस सीपीई की यह देश की प्रमुख रेंज है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, इटारसी। केंद्रीय प्रूफ स्थापना (सीपीई) के ताकू प्रूफ रेंज में शुक्रवार को टेस्टिंग के दौरान बम फटने से एक ठेका कर्मी बुरी तरह से घायल हो गया। ठेका कर्मी दोपहर में परीक्षण के लिए घातक बम लेकर जा रहा था, इसी दौरान बम फटने से 45 वर्षीय अशोक यादव का एक हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया और दूसरे हाथ की हथेली झुलस गई।
हादसे के बाद रेंज में तैनात जवान एवं सहयोगी उसे वाहन से इटारसी के दयाल अस्पताल लेकर आए। यहां गंभीर हालत होने पर तत्काल कर्मचारी को ऑपरेशन थियेटर में दाखिल किया गया है। हादसे को लेकर आला अधिकारी अभी बात करने से इंकार कर रहे हैं, घटना के वक्त फील्ड पर मौजूद फायरिंग ऑफिसर एवं अन्य जांच में जुटे हुए हैं।
ठेका कर्मी 12 साल से कर रहा था काम
जानकारी के अनुसार, केसला निवासी अशोक यादव पिछले दस-बारह सालों से प्रूफ एरिया में केजुअल लेबर ठेका कर्मचारी के रूप में काम करता था। दोपहर में परीक्षण के लिए वह घातक बम लेकर जा रहा था, इसी दौरान बम फटने से यादव बुरी तरह घायल हो गया।बेदम हालत में एबुलेंस से यादव को इटारसी के निजी अस्पताल में लाया गया। यहां अशोक के स्वजनों के अलावा प्रूफ रेंज के आला अधिकारी एवं सैन्यकर्मी भी पहुंच गए। रिश्तेदारों ने बताया कि अशोक कई सालों से रेंज में ठेका श्रमिक के रूप में काम कर रहा है। उसके अलावा आसपास के कई गांवों के मजदूरों से यहां सेना परीक्षण उपयोग में सहयोग एवं अन्य काम कराती है। ठेका कंपनी किसी सर्वेश के नाम पर है, जो अनुबंधित कर्मचारियों को यहां तैनात करती है।
हादसे को लेकर उठे कई सवाल
अशोक के परिवार में छह बेटियां एवं एक बेटा है, दो बेटियों का विवाह हो चुका है। इस हादसे के बाद संवेदनशील रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जोखिम भरे काम में इन कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरण तैनात किया गया था, जहां यह हादसा हो गया।अधिकारियों ने घटना पर साधी चुप्पी
इधर, हादसे के बाद मौके पर आए अधिकारियों ने फिलहाल बात करने से इंकार किया है, उनका कहना है कि जांच के बाद ही हम कोई अधिकृत जानकारी देंगे। हादसा कब हुआ, कैसे हुआ, घटना के वक्त किसी तरह की लापरवाही या नियमों की अनदेखी की गई, इन सवालों का जवाब जांच के बाद ही दिया जाएगा। इधर इस हादसे की जानकारी सैन्य मुख्यालय तक पहुंचने की खबर है।
नर्मदापुरम जिले के घने जंगल में सीपीई का प्रूफ रेंज है, जो एशिया की सबसे बड़ी फायरिंग परीक्षण रेंज मानी जाती है। यहां भारतीय सेना के उपयोग में आने वाले गोला, बारूद, टैंक और अत्याधुनिक हथियारों का निर्माण करने वाली आयुध निर्माणियों के उत्पादों का गुणवत्ता परीक्षण किया जाता है।
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