'असली आजादी तो 2014 में मिली', इस बयान पर बढ़ीं कंगना रनौत की मुश्किलें; अदालत ने जारी किया नोटिस
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनौत को मध्य प्रदेश की एक अदालत ने नोटिस जारी किया है। अब उन्हें अदालत में अपना जवाब दाखिल करना होगा। कंगना के खिलाफ परिवाद जबलपुर के रहने वाले अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने दाखिल कराया है। उन्होंने पुलिस के पास लिखित शिकायत भी दी थी। आइए जानते हैं क्या है मामला?
जेएनएन, जबलपुर। जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सांसद व अभिनेत्री कंगना रनौत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामला देश को आजादी भीख में मिलने के बयान को चुनौती से संबंधित है। परिवादी जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने अपना पक्ष स्वयं रखा।
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उन्होंने दलील दी कि यह परिवाद 2021 में दायर किया गया था। इससे पूर्व अधारताल थाने में लिखित शिकायत दी गई थी। जब कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस अधीक्षक को पत्र सौंपा गया। इसका भी नतीजा न निकलने पर परिवाद दायर किया गया।
आपत्ति का मुख्य बिंदु यही है कि देश को आजादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से मिली थी। इसके बावजूद कंगना रनौत ने कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली, वह आजादी नहीं भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली। इस तरह के अनुचित बयान को गंभीरता से लेकर प्रकरण दर्ज करने का आदेश जारी किया जाए।
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