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Khargone Violence: मप्र के खरगोन में दंगाई धमका रहे थे, भाग जाओ नहीं तो तुम्हारी ये आखिरी रात साबित होगी

Madhya Pradesh मुल्लानवाडी में दंगा भड़कने के पहले हिंदू परिवारों को धमकाया फिर उन्हें भागने पर मजबूर किया। रात नौ बजे लूटपाट मचाई और फिर साढ़े 10 बजे वाहन और घरों में तोड़फोड़ कर आग लगाने की कोशिश की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sun, 17 Apr 2022 11:10 PM (IST)
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मप्र के खरगोन में दंगाई धमका रहे थे, भाग जाओ नहीं तो तुम्हारी ये आखिरी रात साबित होगी। फाइल फोटो
खरगोन, अभिषेक चेंडके/जितेंद्र यादव। मध्य प्रदेश में खरगोन शहर के जिन मोहल्लों में रामनवमी के दिन दंगे हुए वहां रह रहे मुठ्ठीभर हिंदू परिवार मुस्लिमों को फूटी आंख नहीं सुहाते। दंगे के बाद कई परिवार शहर में ही दूसरों के घर में रह रहे हैं। कुछ तो अपने ही घरों में मेहमानों की तरह आते हैंऔर रात गहराते ही इधर-उधर पनाह लेने चले जाते हैं। इस बार दंगे घनी बस्तियों में हुए। मुल्लानवाडी में दंगा भड़कने के पहले हिंदू परिवारों को धमकाया, फिर उन्हें भागने पर मजबूर किया। रात नौ बजे लूटपाट मचाई और फिर साढ़े 10 बजे वाहन और घरों में तोड़फोड़ कर आग लगाने की कोशिश की। तीन घंटे तक पुलिस बस्ती में नहीं पहुंच पाई थी।

पहले धमका कर परिवारों को भागने पर किया मजबूर, फिर लूटपाट कर जला दिए घर-वाहन

मुल्लानवाडी में पथराव और लूट का शिकार हुए भावसार परिवार के सदस्य नितिन भावसार बताते हैं कि आम दिनों में जो लोग हमारे घर के सामने से रात दिन गुजरते थे। दंगे वाली शाम को उन्हीं लोगों ने हमारे नाम पुकार-पुकार कर ललकारा। बोल रहे थे-भाग जाओ! नहीं तो ये तुम्हारी आखिरी रात साबित होगी। मेरी आंखों के सामने पास के कमरे का दरवाजा तोड़कर दोपहिया वाहन बाहर निकाला और आग लगाई। वह शख्स आज भी खुलेआम घूम रहा है। न उसका घर टूटा और न उसकी गिरफ्तारी हुई।

त्योहार पर भरा था माल, दंगाइयों ने जला दी दुकान

76 वर्षीय कैलाश पंडित की भाटवाडी में किराने की दुकान है जो उनके बेटे ने खुलवाई थी। बेटा इंदौर में नौकरी करता है। कैलाश बताते हैं कि त्योहार को देखते हुए दुकान में ज्यादा माल भरा था। मैं तो घर पर नहीं था। भतीजे का फोन आया कि मुस्लिम लोग बस्ती में घुस गए हैं और दुकान में आग लगा रहे हैं। दंगाइयों ने पहले शटर तोड़कर दुकान से माल निकाला और फिर पेट्रोल बम भीतर फेंक कर दुकान को आग के हवाले कर दिया।

दरवाजा तोड़ा, पंखे तक तोड़ दिए

जमीदार मोहल्ला में भी दंगाइयों ने लूटपाट मचाई थी। यहां रहने वाले सुनील सेन बताते हैं कि हाथों में तलवारें लेकर भीड़ नारे लगाते हुए आई। मेरी बाइक सड़क पर थी। एक युवक ने बाइक जला दी। फिर कुछ युवक दरवाजे पर हथियार से वार करने लगे। हम बचने के लिए ऊपरी मंजिल पर भागे। दंगाइयों ने कमरे के भीतर पथराव किया। छत के पंखों की पत्तियां तक मोड़कर फूल जैसी बना दी और तोड़फोड़ मचाने के बाद आगे बढ़ गए।

रात में जरा सी आहट से डर जाते हैं बच्चे

भावसार मोहल्ला निवासी आशा भावसार कहती हैं- छोटे बच्चे रातभर सोते नहीं। गली में जरा सी आवाज होने पर डर जाते हैं। प्रमोद भावसार बताते हैं, सिद्धनाथ महादेव मंदिर की जिस गली में देर रात तक चहलकदमी हुआ करती थी, अब जल्दी ही वीरान हो जाती है। यह इलाका मुल्लानवाडी से लगा हुआ है। फिर कभी उपद्रव हो सकता है, हमें सुरक्षा चाहिए। भाटवाडी के योगेश सराफ बताते हैं कि यह इलाका मुस्लिम बस्ती से लगा हुआ है और रास्ता संवेदनशील क्षेत्र मोहन टाकीज की ओर जाता है। यहां महेश धन्नलाल महाजन, राजेंद्र महाजन और गोविंदा दिलीप कानूनगो के घरों में पेट्रोल बम फेंककर आग लगा दी गई थी। तीनों परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। मेरे घर पर भी पथराव हुआ और दो पेट्रोल बम फेंके। खिड़कियों के कांच फोड़ दिए। दिनेश माणकचंद्र जैन बताते हैं, मेरे घर का दरवाजा जला दिया। मैं घर पर नहीं था, केवल पत्नी और बच्चे थे। दंगाई अंदर घुस गए और कैमरा और डीवीआर लूट ले गए। मुस्लिम बस्ती की तरफ से गुलेल से पत्थर भी फेंके गए। दंगे के बाद से विट्ठल मंदिर पथ निवासी व्यापारी नटवर पुरुषोत्तमदास महाजन घर पर ताला डालकर सपरिवार दूसरी जगह चले गए हैं। नीरज भावसार बताते हैं, हमारे मोहल्ले के पीछे ही खसखसवाडी है। इधर से ही उपद्रवी आए थे।

साजिश की तरफ इशारा करते हैं इस बार के दंगे

खरगोन में छह साल में तीन बार दंगे हो चुके हैं, लेकिन इस बार दंगे का पेटर्न अलग था, जो साजिश की तरफ इशारा कर रहा है। अफसर भी साजिश की आशंका से इन्कार नहीं कर रहे हैं। सबसे पहले दंगा तालाब चौक से भड़का। देखते ही देखते अलग-अलग बस्तियों में दंगे शुरू हो गए। दंगाइयों ने पहले से घरों में पत्थर जमा कर रखे थे। दंगे में अचानक बड़ी मात्रा में पेट्रोल बम भी फेंके गए। जो संभवत: पहले से बनाकर रखे गए होंगे।

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