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Mahakal Lok Ujjain: काशी की तरह उज्जैन व आसपास के प्रमुख शहरों में पर्यटन को बढ़ावा देगा 'श्री महाकाल लोक'

Mahakal Lok Ujjain श्री महाकाल लोक काशी की तरह उज्जैन व आसपास के इंदौर ओंकारेश्वर महेश्वर मांडू और महू के लोगों की भी तकदीर बदलेगा। इन क्षेत्रों में तीर्थाटन और पर्यटन बढ़ेगा। श्री महाकाल लोक का वैभव देखने के लिए उज्जैन आने वाले पर्यटक इन स्थानों पर भी जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Sun, 09 Oct 2022 07:32 PM (IST)
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काशी की तरह उज्जैन व आसपास के प्रमुख शहरों में पर्यटन को बढ़ावा देगा 'श्री महाकाल लोक'। फाइल फोटो

भोपाल, मनोज तिवारी। Mahakal Lok Ujjain: महाकाल को मंगलवार को समर्पित किया जा रहा श्री महाकाल लोक ( Shri Mahakal Lok Ujjain) काशी की तरह उज्जैन व आसपास के इंदौर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मांडू और महू के लोगों की भी तकदीर बदलेगा। इन क्षेत्रों में तीर्थाटन और पर्यटन बढ़ेगा। श्री महाकाल लोक का वैभव देखने के लिए उज्जैन आने वाले पर्यटक इन स्थानों पर भी जाएंगे। इस उम्मीद में पर्यटन विभाग ने इन स्थलों को मिलाकर पर्यटन सर्किट बनाने पर काम शुरू कर दिया है।

पीएम मोदी श्री महाकाल लोक भगवान भोलेनाथ को समर्पित करेंगे

अगले दो वर्षों में इसे पूरी तरह विकसित करने की योजना है। 54 हजार वर्गफीट में फैले काशी विश्वनाथ कारिडोर के उद्घाटन के बाद वहां श्रद्धालुओं की संख्या और मंदिर में चढ़ावा दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार को श्री महाकाल लोक (Shri Mahakal Lok Ujjain) भगवान भोलेनाथ को समर्पित करेंगे।

उज्जैन में प्रतिदिन 60 हजार तक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान

आंकड़ों को देखें तो भगवान महाकाल के दर्शन के लिए प्रतिदिन 25 से 30 हजार श्रद्धालु उज्जैन और भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन को 10 हजार से अधिक श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचते हैं। अगले दो महीनों में उज्जैन में प्रतिदिन 60 हजार तक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। स्वाभाविक है कि इनमें से 50 प्रतिशत लोग ओंकारेश्वर, इंदौर, महेश्वर और मांडू की भी सैर करने जाएंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना भी तय है। उज्जैन से इंदौर की दूरी 55 किलोमीटर, ओंकारेश्वर 138 किमी, महेश्वर 160 किमी, मांडू 155 किमी, महू (डा. आंबेडकर नगर) 90 किमी है। इन स्थानों पर परिवहन के बेहतर विकल्प मौजूद हैं और रात में रुकने के भी पर्याप्त इंतजाम हैं।

जाने, क्या है पर्यटन सर्किट में

राज्य सरकार उज्जैन, इंदौर, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मांडू को लेकर जो पर्यटन सर्किट तैयार कर रही है, उसमें ठहरने, आवागमन सहित अन्य सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। फिलहाल किस स्थान पर क्या कमी है, इसे चिह्नित किया जा रहा है। श्री महाकाल लोक क्षेत्र विकास योजना के दूसरे चरण के साथ ही इस पर भी काम किया जाएगा।

जानें, किस स्थान का क्या महत्व

इंदौर : इंदौर शहर होलकर राजवंश की ऐतिहासिक इमारतों के साथ प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। रानी अहिल्याबाई होलकर ने इस शहर को बसाया था।

ओंकारेश्वर : खंडवा जिले में ओम पर्वत (ओंकारेश्वर) पर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक और प्रदेश का दूसरा ज्योतिर्लिंग यहां स्थित है। यहां आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है, जिसे स्टैच्यू आफ यूनिटी नाम दिया जाएगा। यह आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि है, जिसे प्रकल्प अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

महेश्वर : खरगोन जिले में स्थित महेश्वर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। इस शहर को मध्य भारत की वाराणसी के रूप में जाना जाता है। इसका कारण खूबसूरत घाट और होल्कर राजवंश का मनमोहक किला है, जो मराठा वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।

मांडू : यह अद्भुत किले और रानी रूपमती व बादशाह बाज बहादुर के प्रेम कहानी के लिए प्रसिद्ध है। मांडू वास्तुशिल्प भव्यता से परिपूर्ण है। यहां वर्षभर पर्यटक पहुंचते हैं।

पर्यटन सर्किट कर रहे विकसित

उज्जैन, इंदौर, ओंकारेश्वर, महेश्वर व मांडू को मिलाकर पर्यटन सर्किट विकसित कर रहे हैं। इस सर्किट में जो कमियां हैं, फिलहाल उन्हें चिह्नित किया जा रहा है।

- शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, पर्यटन विभाग, मध्य प्रदेश।

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