Lok Sabha Elections: एमपी से छह प्रत्याशियों की सूची में नरेंद्र तोमर और प्रहलाद पटेल का नाम भी शामिल, शिवराज के लिए यहां का रण तैयार!
प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में 28 भाजपा के पास हैं। एक मात्र छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस नेता कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ सांसद हैं। छिंदवाड़ा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। शायद यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि कांग्रेस के गढ़ को भेदा जा सके।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा चुनाव समिति की बैठक में लोकसभा की जिन छह संसदीय सीटों के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की गई, उनमें उन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों के नाम भी शामिल हैं, जो विधानसभा चुनाव जीतकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं।
जबलपुर से राकेश सिंह, दमोह से प्रहलाद पटेल, सीधी से रीति पाठक, ग्वालियर-चंबल संभाग से नरेंद्र सिंह तोमर व विष्णुदत्त शर्मा के नाम भी लोकसभा प्रत्याशियों की सूची में शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने पर चर्चा हुई। कहा गया कि कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में भाजपा का परचम फहराने के लिए चौहान को प्रत्याशी बनाया जाए।
तोमर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया
बता दें कि विधानसभा चुनावों में पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतारा था। इनमें एक केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते व एक सांसद गणेश सिंह चुनाव हार गए थे। सरकार बनने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, सांसद राकेश सिंह को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। अब इन्हें फिर लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी है।चौहान को छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ाने पर विचार
बता दें कि प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में 28 भाजपा के पास हैं। एक मात्र छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस नेता कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ सांसद हैं। छिंदवाड़ा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। शायद यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि कांग्रेस के गढ़ को भेदा जा सके। बैठक में अन्य नेताओं के नाम पर भी चर्चा हुई।
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections: खरगे के बयान पर भाजपा का पलटवार, 'लोकतंत्र की आड़ में चल रहे राजवंशों की सत्ता को मिल रही है चुनौती'