Ujjain: श्री महाकाल महालोक की जांच करने पहुंची लोकायुक्त की टीम, मूर्तियों में मिली दरारें
श्री महाकाल महालोक में 28 मई को आंधी के कारण कमल की आकृति में बने पेडस्टल पर रखी फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी सप्तऋषियों की मूर्तियों के गिरने के मामले में लोकायुक्त ने स्वत संज्ञान लिया है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 03 Jun 2023 11:45 PM (IST)
उज्जैन, जेएनएन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर स्थित श्री महाकाल महालोक में गत रविवार को आंधी में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियां गिरने के मामले की जांच करने के लिए शनिवार को लोकायुक्त की टीम पहुंची। अधिकारियों के दल ने महालोक का बारीकी से निरीक्षण किया। मूर्तियां देखीं, जहां सप्तऋषियों की मूर्तियां लगी थीं, वहां भी गए।
दो सप्ताह में तैयार कर दी जाएंगी मूर्तियां
कमल की आकृति में बनाए गए पेडस्टल पर चढ़कर अधिकारियों ने यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिर मूर्तियां गिरी क्यों थीं? इसके अलावा अन्य मूर्तियों की ऊंचाई इंचटेप से नापी गई। टीम को कई मूर्तियों में दरारें व पेडस्टल कमजोर मिले। कई मूर्तियों का रंग उतरा मिला। इस दौरान ठेकेदार ने कहा कि दो सप्ताह में मूर्तियां तैयार कर दी जाएंगी। लोकायुक्त से पहले नगरीय प्रशासन विभाग की टीम भी महालोक पहुंची थी।
बता दें कि श्री महाकाल महालोक में 28 मई को आंधी के कारण कमल की आकृति में बने पेडस्टल पर रखी फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी सप्तऋषियों की मूर्तियों के गिरने के मामले में लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान लिया है।
अधिकारियों ने श्री महाकाल महालोक का किया दौरा
शनिवार को संगठन के चीफ इंजीनियर एनएस जोहरी के साथ दो अन्य अधिकारी उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर नीरज पांडे व अन्य अधिकारियों के साथ श्री महाकाल महालोक का दौरा किया। जांच में पाया गया कि मूर्तियों को गिरने से बचाने के लिए पेडस्टल पर लोहे अथवा स्टील का पाइप नहीं लगाया गया था। कहीं-कहीं तो पेडस्टल पर लगाए गए ग्रेनाइट तक टूटे मिले हैं।
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