भोपाल : शोध-अनुसंधान को नया आयाम देगा कम कीमत वाला फिल्टर, BU का अहम नवोन्मेष
Bhopal News मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री और जेनेटिक्स विभाग ने नवोन्मेष किया है। यह शोध और अनुसांधन के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण है। दरअसल विभाग के शोधार्थियों को बेहद कम लागत वाला फ्लोरेसेंट फिल्टर तैयार करने में सफलता मिली है। यह फिल्टर कोशिकाओं में विशिष्ट प्रोटीन को चिह्नित करने में मददगार है।
अंजली राय, भोपाल। देश में शोध-अनुसंधान की संस्कृति विकसित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बीते कुछ समय से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षण संस्थानों में नए-नए विषयों पर शोध हों ताकि ज्ञान-विज्ञान से मानव कल्याण का भाव सशक्त हो। इसी क्रम में अब भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) ने अहम नवोन्मेष किया है, जो देश में शोध और चिकित्सा क्षेत्र में बेहद कारगर साबित हो सकता है।
विश्वविद्यालय में बेहद कम लागत वाला फ्लोरेसेंट फिल्टर तैयार किया गया है, जिससे कोशिकाओं में विशिष्ट प्रोटीन को चिह्नित करने का तरीका सुगम हो जाएगा।
माइक्रोस्कोप में इसके उपयोग से प्रोटीन की पहचान के अलावा अन्य जटिल अणुओं का अध्ययन भी सुगमता से किया जा सकेगा।
शोध को मिला पेटेंट
शोध संस्थानों में प्रयोग के साथ जीव विज्ञान के क्षेत्र में भी शोधार्थियों के लिए यह नवोन्मेष मददगार साबित होगा। इसके अलावा इसकी मदद से कैंसर, अनुवांशिक रोग, जीवाणुओं व विषाणुओं के संक्रमण फैलाने वाली कोशिका का पता लगाना भी संभव होगा।
बीयू के बायोकेमिस्ट्री और जेनेटिक्स विभाग ने यह फिल्टर तैयार किया है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. रेखा खंडिया के निर्देशन में बीयू के पीएचडी विद्यार्थी उत्संग कुमार व शैलजा सिंघल के इस अहम शोध को पेटेंट भी मिल चुका है।
शोधार्थियों के अनुसार, इस तकनीक में हरे रंग का उपयोग कोशिका में विशिष्ट प्रोटीन का उत्पादन दर्शाने के लिए किया जाता है।
इसलिए कम है कीमत
इस फिल्टर की लागत काफी कम है। शोध टीम के अनुसार अभी बाजार में उपलब्ध फ्लोरेसेंट फिल्टर करीब 40 हजार रुपये तक कीमत के हैं।
जबकि यह नया फिल्टर मात्र 10 रुपये में उपलब्ध होगा। डा. रेखा खंडिया बताती हैं कि अभी उपलब्ध फिल्टर क्वार्ट्ज से बनते हैं जोकि काफी महंगा होता है।
इसी कारण इनकी कीमत बढ़ जाती है। बीयू में नया फिल्टर जिलेटिन शीट से बनाया गया है जो एक प्रकार का पालीमर है और कम कीमत में उपलब्ध है।
इस कम कीमत वाले फ्लोरोसेंट फिल्टर में जिलेटिन शीट का उपयोग प्रोटीन का निरीक्षण करने के लिए किया गया है। बाजार में उपलब्ध दूसरी तरह के फिल्टर क्वार्ट्ज के बने होते हैं।
जिलेटिन शीट के कारण यह नया फिल्टर अन्य से अधिक मजबूत भी है। कीमत कम होने के कारण शोधार्थियों तक इसकी पहुंच भी आसान होगी। इससे संस्थानों में जीव विज्ञान के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस फ्लोरेसेंच फिल्टर की मदद से बड़े शोध संस्थानों और चिकित्सा जगत को आसानी होगी। कम कीमत वाला यह फिल्टर जीव विज्ञान के प्रयोगों में भी उपयोगी साबित होगा। - डा. रेखा खंडिया, विभागाध्यक्ष, बायोकेमिस्ट्री व जेनेटिक्स विभाग, बीयू
इस शोध को पेंटेंट प्राप्त हो चुका है। विश्वविद्यालय में अनुसंधान व प्रायोगिक कार्यों को और बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि अधिकाधिक शोध कार्य किए जा सकें। -प्रो. एसके जैन, कुलपति, बीयू
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