श्री महाकाल महालोक के नाम से जाना जाएगा मंदिर का दूसरा चरण, मुख्यमंत्री शिवराज ने किया ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर परिसर के दूसरे चरण को श्री महाकाल महालोक के नाम से जाना जाएगा। बीते 11 अक्टूबर को मंदिर के पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 19 Oct 2022 12:00 PM (IST)
भोपाल, एजेंसी। ज्योतिर्लिग महाकालेश्वर मंदिर परिसर विकास एवं विस्तार योजना के दूसरे चरण का प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कल शिलान्यास किया। उन्होंने कहा है कि इसके बन जाने के बाद यह श्री महाकाल महालोक (Shri Mahakal Mahalok) के नाम से जाना जाएगा।
मंगलवार को मंदिरों के खंडहरों का निरीक्षण करने पहुंचे प्रदेश के मुखिया चौहान ने पत्रकारों को बताया वह मंदिर निर्माण समिति को धन्यवाद देने और संतों को प्रणाम करने के लिए उज्जैन आए हैं क्योंकि उनके आशीर्वाद के बिना यह काम पूरा होना संभव नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन के निवासियों ने इस अलौकिक कार्यक्रम को पूरा होने में अपना योदान दे रहे हैं। सीएम चौहान ने कहा, 'अब इस प्रोजेक्ट पर काम कैसे करना है यह चुनौती हमारे सामने आए। यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं, कई ऐसे भी हैं जो भविष्य में आना चाहते हैं। हमें कई सुझाव मिलते हैं, कुछ लिखकर हमें अपनी बात बताते हैं और कुछ अपना अनुभव साझा करते हैं। इसी के आधार पर हम लोगों की श्रद्धा, आस्था और भक्ति को ध्यान में रखते हुए आगे की संचालन की व्यवस्था करेंगे।'
Mahakal Temple: महाकाल लोक के दूसरे चरण को भी आकर्षक बनाने की तैयारी, काम ने पकड़ी रफ्तार
सीएम चौहान ने कहा, 'हमें यहां परियोजना के बारे में एक विस्तृत कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में एक अच्छा सुझाव मिला है और हम ऐसा महाशिवरात्रि (Mahashivratri) और गुड़ी पड़वा (Gudi Padva) के अवसर पर करेंगे।' मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 11 अक्टूबर को महाकाल लोक (Mahakal Lok) के पहले चरण का उद्घाटन किया और पूजा-अर्चना की।
मंदिर के प्रथम चरण के निर्माण में करीब 850 करोड़ रुपये का खर्च आया है। मंदिर के पथ में 108 स्तंभ हैं, जिनमें भगवान शिव के आनंद तांडव के स्वरूप को दर्शाया गया है। महाकाल लोक में भगवान शिव की कई विशाल प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं, जिसमें उनकी लीलाओं का चित्रण किया गया है। पथ में स्तंभ के साथ की दीवारों में कई भित्ति चित्र उकेरे गए हैं, जिनमें शिव पुराण की कई कहानियों का वर्णन किया गया है जैसे कि भगवान गणेश का जन्म, सती की कहानी, दक्ष वगैरह।
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