Madhya Pradesh: मप्र में उपचुनाव परिणाम से मिली सीएम शिवराज सिंह चौहान को शक्ति
Madhya Pradesh देशभर में हुए उपचुनाव में असम के बाद भाजपा को सबसे सुखद परिणाम मध्य प्रदेश से ही मिले हैं। यहां खंडवा लोकसभा सीट सहित विधानसभा की तीन में से दो सीटों पर भाजपा ने जीत प्राप्त की।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिर चुनाव में जीत की गारंटी बनकर सामने आए हैं। देशभर में हुए उपचुनाव में असम के बाद भाजपा को सबसे सुखद परिणाम मध्य प्रदेश से ही मिले हैं। यहां खंडवा लोकसभा सीट सहित विधानसभा की तीन में से दो सीटों पर भाजपा ने जीत प्राप्त की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने चुनावी सभाओं में महंगाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाने की कोशिश की थी, जिससे कांग्रेस को उम्मीद थी कि इसका लाभ उपचुनाव में मिलेगा, लेकिन जनता ने महंगाई का मुद्दा और शिवराज सरकार की लंबी पारी की एंटी इनकंबेंसी (सत्ताधारी दल से असंतोष) को नकार दिया। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी को अभी विपक्ष भाजपा का कथित डर करार दे रहा है, उसे भी प्रदेश की जनता ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
परिणाम बता रहे हैं कि इसका लाभ भाजपा को 2023 के विधानसभा चुनाव में भी मिल सकता है। शिवराज के चौथे कार्यकाल में लागू योजनाओं पर जनता ने संतुष्टि की मुहर लगा दी है। यह जीत उन्हें नई शक्ति मिलने जैसी भी है। दरअसल, उपचुनाव को लेकर शिवराज सिंह ने तूफानी दौरे किए, सभाओं को संबोधित किया। जनसंपर्क को गति देते हुए दलित, आदिवासी लोगों के यहां भोजन के साथ रात्रि विश्राम भी किया। कांग्रेस ने कन्या पूजन, किसानों को सम्मान निधि और गरीब के घर रात्रि विश्राम पर निशाना साधा था, जिसे शिवराज सिंह ने अपनी सभाओं में जमकर भुनाया। उन्होंने कांग्रेस की महिला, किसान और गरीब विरोधी होने की तस्वीर बना दी। कांग्रेस इसका तोड़ नहीं निकाल सकी।
गौरतलब है कि देशभर में विधानसभा की 30 सीटों पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 15 पर सफलता मिली। असम में सभी पांच सीटें राजग (भाजपा को तीन) के खाते में रहीं। इसके बाद मध्य प्रदेश में शानदार सफलता मिली। ऐसे में मध्य प्रदेश से भाजपा को मिली खुशखबरी शिवराज सिंह चौहान का सियासी कद तो बढ़ा ही रही है।
भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि उपचुनाव के परिणामों से तय हो गया है कि हमने न केवल सफलता प्राप्त की है बल्कि कांग्रेस के गढ़ में उसे हराया है। कांग्रेस का ढहता जनाधार शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और भाजपा की मजबूती को बता रहा है।