PM मोदी समेत कई बड़े नेताओं का बना फर्जी वीडियो, अब तक दर्ज हुए 4 FIR; विधानसभा चुनाव के दौरान आई सबसे ज्यादा शिकायतें
डीपफेक ( Deepfake Videos ) मामले में मध्य प्रदेश में अब तक 4 FIR दर्ज की जा चुकी हैं। इसका शिकार एक कांग्रेस के एक प्रत्याशी भी हुए है जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था। उनका एक अश्लील वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया जिसमें उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया।क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक डीपफेक मामले की सबसे ज्यादा शिकायतें विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज की गई।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 27 Nov 2023 12:59 PM (IST)
नई दुनिया/जागरण डेस्क, इंदौर। DeepFake: फर्जी वीडियो बनाने के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे है। बड़े राजनेता,उद्योगपतियों और सेलिब्रिटी डीपफेक का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे है। हालांकि, इसका इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर भी बढ़ता जा रहा है।
हैरानी की बात है कि डीपफेक मामले में अब तक 4 FIR दर्ज की जा चुकी हैं। इसका शिकार एक कांग्रेस के एक प्रत्याशी भी हुए है,जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था। उनका एक अश्लील वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया, जिसमें उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया।
विधानसभा चुनावों के दौरान दर्ज की गई सबसे अधिक FIR
क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, डीपफेक मामले की सबसे ज्यादा शिकायतें विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज की गई। इसका शिकार खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी हुए है। उनका एक फर्जी वीडियो बनाकर वायरल किया गया, जो कि लाड़ली लक्ष्मी योजना बंद करने से संबधित था। इस फर्जी वीडियो को लेकर उन्होंने क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज करा दी है और अब साइबर सेल इस मामले की जांच में जुट गई है।पीएम मोदी का भी बनाया गया फर्जी वीडियो
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी फर्जी वीडियो बनाया गया, जिसके बाद कानाड़िया थाने की पुलिस ने FIR दर्ज किया। वीडियो कहां बनी इसको लेकर अब तक कोई सबूत नहीं मिले है, लेकिन पुलिस वीडियो को वायरल करने वालों को लेकर पुलिस डेटा जुटा रही है। पीएम मोदी के अलावा भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय का भी एक फर्जी वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। क्राइम ब्रांच ने फर्जी वीडियो बनाने पर भी एफआइआर दर्ज की है।
डीपफेक बनाने वाला गिरोह डार्कनेट पर सक्रिय
साइबर एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, डीपफेक बनाने वाला गिरोह डार्कनेट पर सक्रिय है। डार्कनेट पर अब तक केवल मादक पदार्थ, हथियारों और एटीएम-क्रेडिट कार्ड की जानकारी बिक रही थी। लेकिन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI के आने के बाद से फर्जी वीडियो बनाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आपको बता दें कि, एक मिनट की वीडियो के लिए एक लाख रुपये लिए जा रहे है।यह भी पढ़े: MP Election 2023: कमलनाथ का फर्जी वीडियो प्रसारित करने समेत डीपफेक मामलों में केस दर्ज, पुलिस ने जांच की शुरू कीयह भी पढ़े: डीपफेक के खतरे को लेकर सरकार सतर्क, कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ हुई बैठक; जल्द लागू होंगे नए नियम
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