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नेहा सिंह राठौर को MP हाईकोर्ट ने दिया झटका, विवादित कार्टून पोस्ट करने के मामले में बुरी फंसी गायिका

मध्य प्रदेश के सीधी में एक व्यक्ति ने आदिवासी मजदूर पर पेशाब कर दिया था जिसके बाद काफी सियासी बवाल मच गया था। नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था जिसमें एक व्यक्ति को अर्धनग्न में फर्श पर बैठे दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया था। कार्टून में खाकी रंग का निक्कर भी जमीन पर पड़ा हुआ दिखाया गया था।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sat, 08 Jun 2024 02:36 PM (IST)
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नेहा सिंह राठौर के खिलाफ मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। MP High Court on Neha Singh Rathore।  'यूपी में का बा' वाले गाने से चर्चा में आई भोजपुरी सिंगर नेहा राठौर की टेंशन बढ़ चुकी है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नेहा सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया।

नेहा सिंह ने आरएसएस से जुड़ा एक कार्टून किया था पोस्ट  

मामला ये है कि सीधी में एक व्यक्ति ने आदिवासी मजदूर पर पेशाब कर दिया था, जिसके बाद काफी सियासी बवाल मच गया था। नेहा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें एक व्यक्ति को अर्धनग्न में फर्श पर बैठे दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया  गया था। कार्टून में खाकी रंग का निक्कर भी जमीन पर पड़ा हुआ दिखाया गया था।

नेहा सिंह के पोस्ट को कोर्ट ने माना गलत

जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने सवाल पूछा कि नेहां सिंह राठौर ने कार्टून में आरएसएस के खाकी निक्कर का जिक्र करते हुए एक विशेष विचाराधार की पोशाक क्यों जोड़ी, जबकि आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने के आरोपी व्यक्ति ने वह पोशाक नहीं पहनी थी।  कोर्ट ने कहा कि नेहा ने जो कार्टून पोस्ट किया था, वो घटना के अनुरूप  नहीं है।

कार्टून में किसी विशेष पोशाक को जोड़ना व्यंग नहीं कहा जा सकता: कोर्ट

कोर्ट ने ये भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मौलिक अधिकार पूर्ण अधिकार नहीं है, बल्कि इस पर उचित प्रतिबंध है। कोर्ट ने आगे कहा, हालांकि, एक कलाकार को व्यंग के माध्यम से आलोचना करने की आजादी होनी चाहिए, लेकिन कार्टून में किसी विशेष पोशाक को जोड़ना व्यंग नहीं कहा जा सकता है।

नेहा राठौर पर आईपीसी की धारा 153 ए (जाति, धर्म, जन्म, स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। 

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